________________ 86 ] / भीमदागमसुधासिन्धुः // त्रयोदशमो विभाग // 12 // अणासवा थूलवया कुसीला, मिउं पि चण्डं पकरिन्ति सीसा / चित्ताणुया लहु दक्खोववेया / पसायए ते हु दुरासयं पि // 13 // नापुट्ठो वागरे किंचि, पुट्ठो वा नालियं वए। कोहं असच्चं कुविजा, धारेजा पियमप्पियं / / 14 // श्रप्पा चेव (मेव) दमेययो, अप्पा हु खलु दुद्दमो / यप्पा दन्तो सुही होइ, अस्सि लोए परस्थ य // 15 // वरं मे अप्पा दन्तो, संजमेणं तवेण य / माहं परेहिं दम्मन्तो बन्धणेहिं वहेहि य // 16 // पडिणीयं च बुद्धाणं, वाया अदुव कम्मुणा / यावी वा जई वा रहस्से, नेव कुजा कयाइ वि // 17 // न पक्खयो न पुरयो, नेव किचाण पिट्टयो / न जुझे ऊरुणा ऊरु, सयणे नो पडिस्सुणे // 18 // नेव पल्हत्थियं कुजा, पक्खपिण्डं च संजए / पाए पसारए (पसारे नो) वावि, न चिट्ठ गुरुणन्तिए // 11 // यायरिएहि वाहित्तो, तुसिणीयो न कयाइ वि / पसायपेही (पसायट्टी) नियागट्टी, उवचि? गुरु सया // 20 // बालवन्ते लवन्ते वा, न निसीएज कयाइ वि / चइऊण ग्रासणं धीरो, जयो जत्तं पडिस्सुणे // 21 // यासगगयो न पुच्छेजा, नेव सेजागयो कया। पागम्मुक्कुडुयो सन्तो, पुच्छिजा पञ्जलीग(उ)डो॥ 22 // एवं विणयजुत्तस्स, सुत्तं अत्थं च तदुभयं / पुच्छमाणम्स सीसस्स, वागरिज जहासुयं // 23 // मुसं परिहरे भिक्खू, न य योहारिणिं वए। भासादोसं परिहरे, मायं च वजए सया // 24 // न लवेज पुट्ठो सावज्ज, न निरटु न मम्मयं / यप्पणट्ठा परट्ठा वा, उभयस्सऽन्तरेण वा // 25 // समरेसु अगारेसु, सन्धीसु य महापहे / एगो एगत्थिए सद्धिं, नेव चिट्ठ न संलवे // 26 // जम्मे बुद्धाऽणुसासन्ति, सीए(ले)ण फरसेण वा / मम लाहोत्ति पेहाए, पयो तं पडिस्सुणे // 27 // अणुसासण मोवायं, दुक्कडस्स य चोयणं / हियं सं मगाए पराणो, वेसं होह असाहुणो // 28 // हियं विगयभया बुद्धा,