________________ नीमचाभ्ययनरत्रम् / अध्ययनं / / फरुसं पि अणुसासणं / वेसं तं होइ मूढाणं, खन्तिसोहिकरं पयं // 21 // श्रासणे उवचि? जा, अणुच्चे अकुए थिरे / अप्पुट्ठाई निरुट्ठाई, निसाइज्जऽप्पकुक्कुए // 30 // कालेण निक्खमे भिक्खू, कालेण य पडिक्कमे / अकालं च विवजित्ता काले कालं समायरे // 31 // परिवाडीए न चिट्टे जा, भिक्खू दत्तेसणं चरे। पडिरूवेण एसित्ता, मियं कालेण भक्खए // 32 // नाइदूरमणासन्ने, नऽन्नेसिं चक्रवृफासयों / एगो चिट्ठज भत्तट्टा, लचित्ता तं नइकमे // 33 // नाइउच्चे व नीए वा, नासन्ने नाइदूरो। फासुयं परकडं पिराडं, पडिगाहेज संजए // 34 // अप्पपाणऽप्पवीयंमि, पडिच्छनं मे संबुडे / समयं संजए भुजे, जयं अपरिसाडियं // 35 // सुकडि त्ति सुपक्कित्ति, सुच्छिन्ने सुहडे मडे / सुणिट्ठिए सुलट्ठित्ति, सावज्ज वजए मुणी // 36 // रमए पण्डिए सासं, हयं भद्द व वाहए / बालं सम्मइ सामन्तो, गलियस्सं व वाहए // 37 // खड्डयाहिं चवेडाहिं अकोसेहि वहेहि य (खड्ड या मे चवेडा मे, अकोसा य वहा य मे)। कल्लाणमणुसासन्तो(तं), पावदिट्टि ति मन्नइ // 38 // पुत्तो मे भाय नाइत्ति, साहू कल्लाण मन्नइ / पावदिट्टि उ अप्पाणं, सासं दासि ति मनइ // 31 // न कोवए थायरियं, अप्पाणं पि न कोवए / बुद्धोवघाई न सिया, न सिया तोत्तगवेसए॥४०॥ आयरियं कुवियं नचा पत्तिएण पसायए। विज्झवेज पञ्जलिउडो, वएज न पुणो त्ति य॥४१॥ धम्मजियं च ववहारं, बुद्धेहिं पायरियं सया। तमायरन्तो ववहारं, गरहं नाभिगच्छई॥४२॥ मणोगयंवक्कगयं (मणोएइं वक्कएई) जाणित्ताऽऽयरियस्स उ / तं परिगिज्झ वायाए, कम्मुणा उववायए // 43 // वित्ते अचोइए निच्चं खिप्पं हवइ सुचोइए (वित्ते अबोइए खिप्पं, पसन्ने थामवं करे) / जहोवइट्ट सुकयं, किच्चाई कुम्वई सया // 44 // नचा नमइ मेहावी, लोए किती से जायए / हवई किचाणं सरणं, भूयाणं जगई जहा // 45 // पुजा जस्स पसीयान्त संबुद्धा पुत्रमंथुया / पसन्ना लंभइस्सन्ति, विउलं