________________ 免染染免密免染染染免染染染 - 107ii आगमसुधासिन्धुः : दामो विभागः तबच्चरण सोसियसरीरे। यकोहमाण कइयव दूळन्झिथरागहोसे य॥२०॥ विणभोवधानसुमले सोलसविहवयम भासणाकुसले / गिरवजयण भगिरे सय बहुमणिरेण पुणभगिरे॥२९॥ गुरुणा कज्जमवाजे खरककसफरूसनिठुर-। मणिहर / भणिरे तहति इच्छ भनि सीसे नयं गई // 30 // . इन्मिय पत्नाइसु ममन निप्पहे सगरेवि / जायामायाबारे बाचालीसेसणाकुसले // 3 // तंपि_ण सरसत्य मुंजं. नाणं न चैव रम्पत्य / अन्योवगनिमित्त सजमजोगाण. वरण.॥३॥ वेयनवेयावच्चे इरियरगए य सजमहताः ए। तह पाणवतियाए घर पुण धम्मचिताए // 33 // भपु. बनाणगहणे घिरपरिचियधारणेस्कमुज्जते / सुतं अर्थ | भय जाणंनि अणुरायंति सथा // 34 // अहम नाणदंस चास्तिाथार णवचउक्रमि / अणियहिय |ए धणियमाउत्ते // 35 // गुरुगा रखरमरुसाणिदुनिट गिराए सयदत्त / भणिरे यो पडिसूरिति जन्य सीसे तय गच्छं // 36 // तवसा अचिंत ज्य्यन्नलदिन्माइसरिद्धिकालएवि / जत्य न हीलंति गुल सीसे न गोयमा / गच्छ॥३॥ तेसरित निसयपावाप्रयाण विजथा वित्तजसपुंजे / जन्धन हीलति गुर सीसे तं गोयमा गध // 38 // जत्थावलिय। ममिलियं अचाइदं पयस्वरविसुद्धं / विणओवहाण| पु०व दुवालसंगपि सुचनाणं // 39 // गुरुचलणभतिभरनिभरिक परिभोसलमालावे / अज्झीयंनि सुसीसा - ! गमणा स गोयमा ! गर, // 10 सागलाणसेवालालरस गधस्स दसविहं विहिया / कीरत वेथावरचं गुलाण त ग ॥दसविहसामायारी अभिनिए भवसत्तसंघाए / सिम्सति यदुइति / स य रजिइ तगर, इछामि छा तहकारो, अबल्सिया. य निसीलिया / आपुरक्षा REFERRRRRRRRRES