________________ श्रीमज्जम्बूद्वीपप्रज्ञप्त्युपाङ्ग सूत्र / तृतीयो वक्षस्कार : ] [59 लिपुडा 8 / पुणरवि काऊण यंजलिं मत्थयमि पणया तुब्भे अम्हेऽत्थ सामिश्रा देवयंव सरणागया मो तुभ विसयवासिणोति विजयं जपमाणा सेणावइणा जहारिहं उविश्र पूइत्र विसजित्रा णिवत्ता सगाणि णगराणि पट्टणाणि अणुपविट्ठा 1 / ताहे सेणावई सविणो घेत्तूण पाहुडाई श्राभरणाणि भूसणाणि रयणाणि य पुणरवि तं सिंधुणामधेज्ज उत्तिगणे अराहसासणवले, तहेव भरहस्स रराणो णिवेएइ णिवेइत्ता य अप्पिणित्ता य पाहुडाई सकारिश्रसम्माणिए सहरिसे विसजिए सगं पडमंडवमइगए 10 / तते णं सुसेणे सेणावई गहाए कयबलिकम्मे कय-कोउप-मंगलपायच्छित्ते जिमिश्रभुत्तुत्तरागए समाणे जाव सरस-गोसीस-चंदणुक्खित्तगायसरीरे उप्पिं पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमथएहिं बत्तीसइबद्धेहिं णाडएहिं वरतरुणीसंपउत्तेहिं उवणचिजमाणे 2 उवगिजमाणे 2 उपलमि(लालि)जमाणे 2 महयाहय-गट्ट-गीय-वाइन-तंती-तल ताल-तुडिश्र-घण-मुइंग-पडुप्पवाइअरवेणं इ8 सद्दफरिसरसरूवगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे मुंजमाणे विहरइ 11 // सूत्रं 52 // तए णं से भरहे राया श्रगणया कयाई सुसेणं सेणावई सदावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छ णं खिप्पामेव भो देवाणुप्पिश्रा ! तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडे विहाडेहि 2 ता मम एश्रमाणत्तिश्र पञ्चप्पिणाहित्ति 1 / तए णं से सुसेणे सेणावई भरहेणं रगणा एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्टचित्तमाणदिए जाव करयलपरिग्गहिनं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटु जाव पडिसुणेइ 2 ता भरहस्स रराणो अंतियाश्रो पडिणिक्खमइ 2 तो जेणेव सए थावासे जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ 2 ता दन्भसंथारगं संथरइ जाव कयमालस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिराहइ पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालाश्रो पडिणिकखमइ 2. ता जेणेव मजणघरे. तेणेव उवागन्छइ 2 ता राहाए कयबलिकम्मे कय-कोउथ-मंगलपायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाई मंगलाई हतुवित्तमाणदिए जाना भरहस्स रगणों वागच्छइ 2