________________ 462 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: सप्तमो विभागः // अथ पुष्पचूलकानामकश्चतुर्थो वर्गः // जइ णं भंते ! समणेणं भगवता उक्खेवो जाव दस अज्झयणा पराणत्ता 1 / तं जहा--सिरि 1 हिरि 2 धिति 3 कित्ति(ती)ो 4 बुद्धि(द्धी) 5 लच्छी 6 य होइ बोधव्वा। इलादेवी 7 सुरादेवी 8 रसदेवी 1 गंधदेवी 10 य // 1 // 2 / जइ णं भंते ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं उबंगाणं चउत्थस्स वग्गस्स पुष्पचूलाणं दस अज्झयणा पराणत्ता, पढमस्स णं भंते ! उक्खेवश्रो 3 / एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं 2 रायगिहे नगरे गुणसिलए चेइए सेणिए राया सामी समोसढे, परिसा निग्गया 4 // सू० 112 // तेणें कालेणं 2 सिरिदेवी सोहम्मे कप्पे सिरिखडिसए विमाणे सभाए सुहम्माए सिरिंसि सीहासणंसि चाहिं सामाणियसाहस्सेहि चउहि महत्तरियाहिं सपरिवाराहिं जहा बहुपुत्तिया जाव नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगता 1 / नवरं. दारियायो नत्थि 2 / पुत्वभवपुच्छा 3 ॥सू० 113 // एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं 2 रायगिहे नगरे गुणसिलए चेइए जियसत्तू राया 1 / तत्थ णं रायगिहें नयरे सुदंसणो नाम गाहावई परिवसति, ड्ढे 2 / तस्स णं सुदंसणम्स गाहावइस्स पिया नाम भारिया होत्था सोमाला 3 / तस्स णं सुदंसणस्स गाहावइस्स धूया पियाए गाहावतिणीए अत्तिया भूया नामं दारिया होत्था वुड्डा बुड्ढकुमारी जुराणा जुगणकुमारी पडितपुतत्थणी वरपरिवजिया (गपक्खेजिया) यावि होत्था 4 // सू० 114 // तेणं कालेणं 2 पासे रहा पुरिसादाणीए जाव नवरयणीए, वरण यो सो चेव, समोसरणं, परिसा निग्गया 1 / तते णं सा भूया दारिया इमीसे कहाए . लट्ठासमाणी / हट्टतुट्ठा जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छति 2 एवं वदासी-एवं खलु अम्मताओं ! पासे अरहा पुरिसादाणोए पुव्वाणुपुब्बिं चरमाणे जाव देवगणपरिवुडे विहरति, तं इच्छामो णं अम्मयात्रो ! तुम्भेहिं अब्भणुराणाया समाणी पासस्स अरहयो पुरिसा