________________ श्रीमज्जम्बूद्वीपप्रज्ञप्त्युपाङ्ग सूत्र :: द्वितीयो वक्षस्कारः / [ 15 हब्वमागच्छेज्जा, तो णं वाससए 2 एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे णीरए णिल्लेवे णिट्ठिए भवइ से तं पलियोवमे 7 / एएसिं पल्लाणं कोडाकोडी हवेज दसगुणिया / तं सागरोवमस्स उ एगस्स भवे परीमाणं // 1 // एएणं सागरोवमप्पमाणेणं चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीयो कालो सुसमसुसमा 1 तिगिण सागरोवमकोडाकोडीयो कालो सुसमा 2 दो सागरोवमकोडाकोडीयो कालो सुसमदुस्समा 3 एगा सागरोवमकोडाकोडी बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणित्रा कालो दुस्लमसुसमा 4 एकवीसं वाससहस्साई कालो दुस्समा 5 एकवीसं * वाससहस्साई कालो दुस्समदुस्समा 6, पुणरवि उस्सप्पिणीए एकवीसं वाससहस्साई कालो दुस्समदुस्समा 1 एवं पडिलोमं श्रव्वं जाव चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीयो कालो सुसमसुसमा 6, दससागरोवमकोडाकोडीयो कालो योसप्पिणी दससागरोवमकोडाकोडीश्रो कालो उस्सप्पिणी वीसं सागरोवमकोडाकोडीयो कालो श्रोसप्पिणीउस्सप्पिणी कालचक्कं ८॥सूत्रं 19 // जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भरहे वासे इमीसे उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए उत्तमकट्ठात्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए अायारभावपडोयारे होत्था ?, गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था से जहाणामए श्रालिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणामणिपंचवराणेहिं तणेहि य मणीहि य उवसोभिए, तंजहा-किरहेहिं जाव सुकिल्लेहिं 1 / एवं वराणो गंधो फासो सद्दो श्र तणाण य मणीण य भाणिव्वो, जाव तत्थ णं बहवे मणुस्सा मणुस्सीश्रो अप्रासयति सयंति चिट्ठति णिसीयंति तुपट्टति हसंति रमंति ललंति 2) तीसे णं समाए भरहे वासे बहवे उद्दाला कुद्दाला मुद्दाला कयमाला पट्टमाला दंतमाला नागमाला सिंगमाला संखमाला सेश्रमाला णामं दुमगणा पराणना 3 / कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूला मूलमंतो कंदमंतो जाव बीमंतो पत्तेहि अ पुप्फेहि अ फलेहि श्र उच्छराणपडिच्छराणा सिरिए अईव 2