________________ श्रीमच्चन्द्रप्रज्ञप्ति सूत्रं : प्रा० 20 ] [ 327 एरिसए णं चंदिमसूरिया जोइसिंदा जोइसरायाणो कामभोगे पचणुभवमाणा विहरंति 4 // सूत्रं 105 // तत्थ खलु इमे अट्टासीई महगहा पराणत्ता, तंजहा-इंगालए 1, वियालए 2, लोहियंतक्खे 3, सणिच्छरे 4, बाहुणिए 5, पाहुणिए 6, कणे 7, कणए 8, कणकणए 1, कणवियाणए 10, कणगसंताणए 11, सोमे 12, सहिए 13, अस्सासणे 14, कजोवए 15, कब्ब(त्थु)रए 16, श्रयकरए 17, दुदुभए 18, संखे 11, संखणामे 20, संखवरणाभे 21, कसे 22, कंसणाभे 23, कंसवराणाभे 24, णीले 25, णीलोभासे 26, रुप्पी 27, रुप्पोभासे 28, भासे 21, भासरासी 30, तिले 31, तिलपुष्पवराणे 32, दगे 33, दगवराणे 34, काए 35, वे(ब)(काग)धे 36, इंदग्गी 37, धूमकेऊ 38, हरी 31, पिंगलए 40, बुहे 41, सुक्के 42, बहप्फई 43, राहू 44, अगत्थी 45, माणवए 46, कामफासे 47, धुरे 48, पमुहे 41, वियडे 50, विसंधिकप्पे(लए) 51, पयल्ले 52, जडियालए 53, अरुणे 54, अग्गिलए 55, काले 56, महाकाले 57, सोथिए 58, सोवत्थिए 51, बद्धमाणगे 60, पलंबे 61, णिचालोए 62, णिच्चुज्जोए 63, सयंपभे 64, शोभासे 65, सेयंकरे 66, खेमंकरे 67, श्राभंकरे 68, पभंकरे 61, अरए 70, विरए 71, असोगे, वीयसोगे य 72, विमले 73, विवत्ते (वितते) 74, विवत्थे 75, विसाले 76, साले 77, सुव्वए 78, अणियट्टी 76, एगजडी 80, दुजडी 81, करे 82, करिए 83, राय 84, अग्गले 85, पुप्फे 86, भावे 87, केऊ 88 // सूत्रं 106 // संगहणी-इंगालए वियालए, लोहियंक सणिच्छरे चेव / बाहुणिए पाहुणिए कणग-सनामावि पंचेव // 1 // सोमे सहिए थासासणे य कजोवए य कब्बरए। श्रयकरए दुदुभए, संख–सनामावि तिन्नेव // 2 // तिन्नेव कंसनामा, नीले रुप्पी य हुंति चत्तारि / भास तिल पुष्फवराणे दग