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________________ श्रीमच्चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र :: प्रा० 18 } [ 313 उववज्जंति एगे एवमासु 25, 1 / वयं पुण एवं वयामो-ता चंदिमसूरिया णं देवा महिड्डीया महाजुईया महाबला महाजसा महासोक्खा महाणुभावा वरवत्थधरा वरमल्लधरा वरगंधधरा वराभरणधरा अवोच्छित्ति नयट्ठयाए काले अण्णे चयति अराणे उबवज्जति अाहितेति वदेजा // सूत्रं 88 // सत्तरसमं पाहुडं समत्तं // 17 // // अथाष्टादशं प्राभूतम // __ता कहं ते उच्चत्ते श्राहिएति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाश्रो पणवीसं पडिवत्तीयो पराणत्ताश्रो, तंजहा-तत्थ एगे एवमाहंसु ता एगं जोयणसहस्सं सूरे उ8 उच्चत्तेणं, दिवट्ठ चंदे एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु ता दो जोयणसहस्साई सूरे उड्ढ उच्चत्तेणं, अड्डाइजाइं चंदे, एगे एवमाहंसु 2, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं ता तिन्नि जोयणसहस्साइं सूरे अट्ठाई चंदे 3, चत्तारि जोयणमहस्साई सूरे श्रद्धपंचमाई चंदे 4, पंच जोयणसहस्साइं सूरिए, श्रद्धट्ठाई चदे 5, एवं छ जोयणसहस्साई सूरे श्रद्धसत्तमाई चंदे 6, सत्त जोयणसहरसाइं सूरे श्रद्धट्ठमाई चंदे 7, अट्ठ जोयणसहस्साइं सूरे अद्धनवमाइं चंदे 8, नव जोयणसहस्साई सूरे अद्धदसमाइं चंदे 1, दस जोयणसहस्साई सूरे श्रद्धएकारस चंदे 10, एकारस जोयणसहस्साई सूरे अद्ध बारस चंदे 11, बारस सूरे अद्ध तेरस चंदे 12, तेरस सूरे श्रद्ध चोइस चंदै 13, चोदस सूरे अद्ध पराणरस चंदे 14, पराणरस सूरे श्रद्ध सोलस चंदे 15, सोलस सूरे अद्ध सत्तरस चंदे 16, सत्तरस सूरे श्रद्ध अट्ठारस चंदे 17, अट्ठारस सूरे श्रद्ध एगूणवीसं चंदे 18, एकोणवीसं सूरे श्रद्ध वीसं चंदे 11, वीसं सूरे अद्ध एकवीसं चंदे 20, एकवीसं सूरे श्रद्ध बावीसं चंदे 21, बावीसं सूरे अद्ध तेवीसं चंदे. 22, तेवीसं सूरे श्रद्ध चउवीसं चंदे 23, चउवीसं सूरे श्रद्ध पणवीसं चंदे, एगे एव
SR No.004368
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1978
Total Pages532
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size13 MB
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