________________ 312 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / सप्तमो विभाग दियं छेत्ता 4 / ता एगमेगं मंडलं सूरे कइहिं अहोरत्तेहिं चरइ ? ता दोहिं अहोरत्तेहिं चरइ 5 / ता एगमेगं मंडलं णक्खत्ते कइहिं अहोरत्तेहिं चरइ ? ता दोहिं अहोरत्तेहिं चरइ दोहिं भागेहि ऊणेहिं तिहिं सत्तस?हिं सएहिं राइंदियं छेत्ता 6 / ता जुगेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता अट्ठ चुलसीयाई मंडलसयाई चरइ 7 / ता जुगेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता णवपराणरस मंडलसयाई चरइ 8 / ता जुगेणं णक्खत्ते कइ मंडलाई चरइ ? ता अट्ठारस पणतीसे दुभागमंडलसये चरइ 1 / इच्चेसा मुहुत्तगई रिक्खाइ-मासराइंदिए-जुग-मंडल-पविभत्ती सिग्धगई वत्थु पाहिएत्तिबेमि 10 // सूत्रं 86 // पराणरसमं पाहुडं समत्तं // 15 // // अथ षोडशं प्रामृतम् // / ता कहं ते दोसिणालक्खणं श्राहितेति वएजा ? ता चंद लेस्साइ य दोसिणाई य, दोसाणाई य चंद लेस्साई य के अट्ठ किं लक्खणे ? ता एगट्ठ एगलक्खणे 1 / ता सूरियलेस्साइ य यायवेइ य 2 सूरलेस्साई य के अट्ठे किं लक्खणे ? ता एग? एगलक्खणे 2 / ता अंधयारेइ य छायाइ य छायाइ य अंधयारेइ य के अट्ठ किं लक्खणे ? ता. एगढे एगलक्खणे 3 // सूत्रं 87 // सोलसमं पाहुडं समत्तं // 16 // . . // अथ सप्तदशं प्राभतम् // ___ता कहं ते चवणोववाया अाहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमायो पणवीसं पडिवत्तीयो पराणत्तायो, तंजहा-तत्थेगे एवमाहंसु ता अणुसमयमेव चंदिम सूरिया अरणे चयंति अरणे उववज्जंति एगे एवमाहंसु 1 एगे पुण एवमाहंसु ता अणुमुहुत्तमेव चंदिमसूरिया अरणे चयंति अराणे उववज्जति एगे एवमाहंसु 2, एवं जहेव हेट्ठा तहेव जाव ता एगे पुण. एवमाहंसु-ता अणुश्रोसप्पिणी उस्सप्पिणीमेव चंदिमसूरिया अराणे चयंति अण्णे