________________ श्रीमच्चंद्रप्रज्ञप्तिसूत्रं : प्रा० 15] [ 311 चउबीस सयभागं मंडलस्स 5 / ता चंदेणं मासेणं णवखत्ते कइ मंडलाई चरइ ? ता पराणरस चउभागूणाई मंडलाइं चरइ छच्च चउव्वीससयभागे मंडलस्स 6 / ता उउणा मासेणं चंदे कइमंडलाइं चरइ ? ता चोदस मंडलाई चरइ, तीसं च एगट्ठिभागे मंडलस्स 7 / ता उउणा मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता पराणरस मंडलाई चरइ 8 | ता उउणा मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता पराणरसमंडलाइं चरइ, पंच य बावीससयभागे मंडलस्स 1 / ता पाइञ्चेणं मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता चोदस मंडलाइं चरइ, एकारस पराणरसभागे मंडलस्स 10 / ता श्राइच्चेणं मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ना पराणरस चउभागाहियाइं मंडलाइं चरइ 11 / ता श्राइच्चेणं मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता पराणरस चउभागाहियाइं मंडलाई चरइ पंच तीसं चउवीससयभागाइं मंडलाई चरइ 12 / ता अभिवडिएणं मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता पराणरस्स मंडलाई तेसीति छलसीयसतभागे मंडलस्स 13 / ता अभिडितेणं मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता सोलस मंडलाई चरइ, तिहिं भागेहिं ऊणगाई दोहिं अडयालेहिं सएहिं मंडलं छित्ता 14 / ता अभिवड्डिएणं मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाई चरइ ? ता सोलस मंडलाइं चरइ सीतालीसेहिं भागेहिं अहियाई चोदसहिं अट्ठासीएहिं सएहिं मंडलं छेत्ता 15 // सूत्रं 85 // ता एगमेगेणं ग्रहोरत्तेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता एगं श्रद्धमंडलं चरइ, एकतीसाए भागेहिं ऊणं नवहिं पराणरसेहिं सएहिं श्रद्धमंडलं छेत्ता 1 / ता एगमेगेणं ग्रहोरत्तेण सूरिए कइ मंडलाइं चरइ ? ता एगं श्रद्धमंडलं चरइ 2 / ता एगमेगेणं अहोरत्तेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता एगं अद्धमंडलं चरइ दोहिं भागेहिं अहियं सत्तहिं बत्तीसेहिं सएहिं अद्धमंडलं छेत्ता 3 / ता एगमेगं मंडलं चंदे काहिं अहोरत्तेहिं चरइ ? ता दोहिं अहो. रत्तेहिं चरइ एकतीसाए भागेहिं अहिएहि चउहिं बायालेहिं सएहिं राई