________________ 278 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / सप्तमो विभागः पुराणा 5 पक्खस्स पंचमी 5 / पुणरवि नंदा 6 भद्दा 7 जया 8 तुच्छा 1 पुराणा 10 पक्खस्स दसमी 10 / पुणरवि नंदा 11 भदा 12 जया 13 तुच्छा 14 पुराणा 15 पक्खस्स पराणरसी। एवं ते तिगुणा तिहीओ सव्वेसि दिवसाणं / ता कहते राईतिही अाहितेति वएज्जा ? एगमेगस्स णं पक्खस्स पराणरस परणरस राईतिही पराणत्ता, तं जहा-उग्गवई 1 भोगवई 2 जसवई 3 सव्वट्ठसिद्धा 4 सुहाणामा 5, पुराणरवि-उग्गवई 6, भोगवई 7 जसवई 8 सव्वट्ठसिद्ध 1 सुहाणामा 10 पुणरवि उग्गवई 11 भोगवई 12 जसवई 13 सव्वट्ठसिद्धा 14 सुहणामा 15, एते तिगुण तिहीयो सव्वासिं राईणं // सूत्रं 41 // दसमस्स पाहुडस्स पराणरसमं पाहुड. पाहुडं समत्तं // 10-15 // // अथ दशमप्राभृते षोडशं प्राभृतप्रामृतम् // ता कहते गोत्ता अाहितेति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिई णक्खत्ते किं गोते पराणते ? ता भोगलायणसगोत्ते पराणते 1 / सवणे णक्खत्ते संखायगासगोत्ते पराणत्ते 2 / धणिट्ठाणक्खत्ते अग्गभाव (अग्गिताव)सगोत्ते 3 / सयभिसया णक्खत्ते करण(उ,णो)लोयणसगोत्ते पराणते 4 / पुवापोट्ठवयाणक्खत्ते जोउकरिणयसगोत्ते पराणत्ते 5 / उत्तरापोट्टवयाणक्खत्ते धणंजयसगोत्ते पराणत्ते 6 / रेवईणवखते पुस्सायणसगोत्ते पराणत्ते 7 / अस्सिणीणक्खत्ते अस्सायणसगोत्ते पराणत्ते 8 / भरणीणक्खत्ते भग्गवेसायण(स)सगोत्ते पराणत्ते 1 / कत्तियाणक्खत्ते अग्गिवेस्ससगोत्ते पराणत्ते 10 / रोहिणीणक्खत्ते गोयमसगोत्ते पराणत्ते 11 / संगणणक्खत्ते भारहायसगोत्ते पराणत्ते 12 / अहाणक्खत्ते लोहिच्चायणसगोत्ते पराणत्ते 13 / पुणव्वसुणक्खत्ते वासिद्धसगोत्ते पराणत्ते 14 / पुस्से णक्खत्ते उजायणसगोत्ते पराणत्ते 15 / अस्सेसाणक्खत्ते मंडब्बायणसगोत्ते