________________ राई 132 / पराशदिवस साइरेगाई भवइ 24 ते दिवसे सत्तर श्रीमन् चन्द्रप्रज्ञप्ति सूत्रं 2 : प्रा० 8 ] [ 253 अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगदुवालसमुहुत्ता राई भवइ, सत्तरसमुहुत्ते दिवसे तेरसमुहुता राई भवइ 11 / सत्तरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवति साइरेगा तेरसमुहुत्ता राई भवइ 20 / सोलसमुहुत्ते दिवसे चउद्दसमुहुत्ता राई भवइ 21 / सोलसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साडरेगचउद्दसमुहुत्ता राई भवइ 22 / पराणरसमुहुत्ते दिवसे पराणरसमुहुत्ता राई भवइ 23 / पराणरसमुहुत्ताणतरे दिवसे साइरेगा पराणरसमुहुत्ता राई भवइ 24 / चउद्दसमुहुत्ते दिवसे सोलसमुहुत्ता राई भवइ 25 / चउद्दसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगसोलसमुहुत्ता राई भवड 26 / तेरसमुहुत्ते दिवसे सत्तरसमुहुत्ता राई भवइ 27 / तेरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगसत्तरसमुहुत्ता राई भवइ 28 ता जया णं जंबुद्दीवेदीवे दाहिणड्ढे जहराणए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ (उको. सिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ), तया णं उत्तरड्ढ वि जहराणए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ 21 / ता जया णं उत्तरड्ढ जहराणए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमपञ्चत्थिमेणं उकोसिया श्रद्वारसमुहुत्ता राई भवइ 30 / ता जया णं जंबुद्दीवे दीवे भंदरस्स पव्वयस्स पुरस्थिमेणं जहराणए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं पचत्थिमेणं जहराणए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ 31 / जया णं पच्चत्थिमेणं जहराणए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ 3, 32 / ता जया णं जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्ढे वासाणं पढमे समए पडिवजइ तया णं उत्तरड्ढ वि वासाणं पढमे समए पडिवजइ 33 / जया णं उत्तरद्धे वासाणं पढमे समये पडिवजति तया णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपञ्चत्थिमेणं श्रणंतरपुक्खडकालसमयसि वासाणं पढमे समए पडिवजइ 34 / ता जया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स फव्वयस्स पुरथिमेणं वासाणं पढमे समये पडिवजइ तया णं पञ्चत्थिमेण वि वासाणं पढमे समये