________________ [ 241 श्रीमच्चंद्रप्रज्ञप्तिसूत्रं : प्रा० 3 ] जहरिणया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ 25 / एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोचस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं श्राइच्चे संवच्छरे, एस णं श्राइचसंवच्छरस्स पजवसाणे 26 // सूत्रं 23 // बितियं पाहुडं समत्तं / / .. // इति द्वितीयप्राभूते तृतीयं प्राभतप्राभूतम् // 2-3 // - // इति वितीयं प्राभृतम् // 2 // . // अथ तृतीयं प्राभूतम् // ता केवइयं खेत्तं चंदिमसूरिया श्रोभासेंति उज्जोवेति तवेंति पगासेंति अाहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाश्रो बारसपडिवत्तीयो पन्नत्तायो, तं जहा-तत्थेगे एवमाहंसु-ता एगं दीवं एगं समुह चंदिमसूरिया श्रोभासेंति उज्जोवेंति तवेंति पगासेंति एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता तिगिण दीवे तिरिण समुद्दे चंदिमसूरिया श्रोभासेंति 4 एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता श्रद्धचउत्थे (बाहुट्ठ) दीवेश्रद्धचउत्थे समुद्दे चंदिमसूरिया श्रोभासेंति 4, एगे एवमाहंसु 3, एगे पुण एवमाहंसु-ता सत्तदीवे सत्त समुद्दे चंदिमसूरिया श्रोभासेंति 4, एगे एवमाहंसु 4, एगे पुण एवमाहंसु-ता दसदीवे दससमुद्दे चंदिमसूरिया श्रोभासेंति 4, एगे एवमाहंसु 5, एगे पुण एवमाहंसु-ता बारस दीवे वारससमुद्दे चंदिमसूरिया श्रोभासेंति 4, एगे एवमाहंसु 6, एगे पुण एवमाहंसु-ता बयालीसं दीवे बायालीसं समुद्दे चंदिमसूरिया श्रोभासेंति 4, एगे एवमाहंसु 7, एगे पुण एवमाहंसु-ता बावत्तरिंदीवे बावत्तरि समुद्दे चंदिमसूरिया श्रोभासेंति 4, एगे एवमाहंसु 8, एगे पुण एवमाहंसु-ता बायालीसं दीवसयं बायालीसं समुद्दसयं चंदिमसूरिया श्रोभासेंति 4, एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता बावत्तरिं दीवसयं बावत्तरि समुद्दसयं चंदिमसूरिया श्रोभासेंति 4, एगे एवमासु 10, एगे