________________ 212 ] ( श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: सप्तमो विभागः अट्ट य तिन्नि य हवंति पडिवत्ती। पढमस्स पाहुडस्स उ, हवंति एयायो पडिवत्ती // 12 // सू० 3 // पडिवत्तीश्रो उदए, अदुव अस्थमणेसु य / भेयघाए कराणकला, मुहुत्ताण गईइ य // 13 // निक्खममाणे सिग्धगई, पविसंते मंदगईइ य / चुलसीइसयं पुरिसाणं, तेसिं च पडिवत्तीयो॥ 14 // उदयम्मि अट्ट भणिया, भेयग्याए दुवे च पडिवत्ती। चत्तारि मुहुत्तगईप, होति तइयम्मि पडिवत्ती // 15 // सू० 4 // श्रावलिय 1 मुहुत्तग्गे 2 एवंभागा 3 य जोगस्सा 4 / कुलाई 5 पुराणमासी 6 य, संनिवाए 7 य संठिई 8 // 16 // तारग्गं 1 च णेता य 10 चंदमग्गत्ति 11 यावरे / देवताण य अझयणा 12 मुहुत्ताणं नामया 13 इय // 17 // दिवसा राई य वुत्ता 14 य, तिहि 15 गोत्ता 16 भोयणाणि य 17 / श्राइच्चचार 18 मासा 11 य, पंच संवच्छरा 20 इय // 18 // जोइसस्स य दाराई 21, नक्खत्तविचए 22 विय / दसमे पाहुडे एए, बावीसं पाहुड. पाहुडा / / 11 // सू० 5 // तेणं कालेणं तेणं समएणं मिहिला णामं णयरी होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धा पमुइयजणजाणवया जाव पासादीया, वगणो 1 / तीसे णं मिहिलाए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाएं एत्थ णं माणिभद्दे णामं चेइए होत्था चिराईए वराणो 2 / तीसे णं मिहिलाए णयरीए जियसत्तणामं राया, धारिणी देवी, वगणयो 3 / तेणं कालेणं तेणं समएणं तंमि माणिभद्दे चेइए सामी समोसढे, परिसा णिग्गया, धम्मो कहिश्रो, परिसा पडिगया जाव राया जामेव दिसि पाउन्भए तामेव दिसि पडिगए ४॥सू० 6 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवश्री महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूईणामं श्रणगारे गोयमगोत्तेणं सत्तुस्सेहे जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी // सू०७॥ता कहं ते वड्डोवड्डी मुहुत्ताणं श्राहितेत्ति वदेजा ? गोयमा ! ता अट्ट एगणवीसे मुहुत्तसते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागो मुहुत्तस्स