________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् / / पदं 1 ] [ 35 बायरमंगराय-सराग-चरित्तारिया य 27 / से किं तं सुहुमसंपराय-सराग-चरित्तारिया ?, सुहुमसंपराय-सराग-चरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पढमसमयसुहुमसंपराय-सराग-चरित्तारियाय अपढमसमय-सुहुमसंपराय-सरागचरित्तारिया य, ग्रहवा चरिमसमय-सुहमसंपराय-सरागचरित्तारिया य अचरिमसमयसुहुमसंपराय-सरागचरित्तारिया य, ग्रहवा सुहुमसंपराय-सराग-चरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-संकिलिस्समाणा य विसुज्झमाणा य, सेत्तं सुहुमसंपराय-सराग-चरित्तारिया 28 / से किं तं बादरसंपराय-सराग-चरित्तारिया ?, बादरसंपराय-सराग-चरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पढमसमय-बादरसंपराय-सराग चरित्तारिया अपढमसमय-बादरसंपराय-सराग-चरित्तारिया य, ग्रहवा चरिमसमय-बादरसंपराय-सराग चरित्तारिया य अचरिमसमय-बादरसंपराय-सराग-चरित्तारिया य, ग्रहवा बादरसंपराय-सराग-चरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पडिवाई य अपडिवाई य, सेत्तं बादरसंपराय-सरागचरित्तारिया, सेत्तं सरागचरित्तारिया 21 / से किं तं वीयराय-चरित्तारिया ?, वीयराय-चरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-उवसंतकसाय-वीयराय-चरित्तारिया य खीणकसाय-बीयराय-चरित्तारिया य 30 / से किं तं उवसंतकसायवीयराय-चरित्तारिया ?, उवसंतकसाय-बीयराय-चरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पढमसमय उवसंतकसाय-बीयराय-चरित्तारिया य अपढमसमय-उवसंतकसाय-बीयराय चरित्तारिया य,ग्रहवा चरिमसमय-उवसंतकसाय-वीयराय-चरित्तारिया य अचरिमसमय-उवसंतकसाय-वीयराय-चरित्तारिया य, सेत्तं उवसंतकसायवीयराय-चरित्तारिया 31 / से किं तं खीणकसाय-वीयराय-चरित्तारिया ?,खीणकसाय-वीयराय-चरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-छउमत्थ-खीणकसाय-वीयरायचरित्तारिया य केवलि-खीणकमाय-बीयराय-चरित्तारिया य 32 / से कि तं छउमत्थ-खीणकसाय-वीयराय-चरित्तारिया ?, छउमस्थ-खीणकसाय-वीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सयंबुद्ध-छउमस्थ-खीणकसाय-वीयराय