________________ [ 25 श्रीमस्त्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् :: पदं 1 ] उसगारा तिमितिमिगिला णका तंदुलमच्छा कणिकामच्छा सालि-संत्थियामच्छा लंभणमच्छा पडागा पडागाइपडागा, जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं मच्छा 1 / से किं वं कच्छभा ?, कच्छभा दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-अट्ठिकच्छभा य मंसकच्छभा य, सेत्तं कच्छभा 2 / से किं तं गाहा ?,गाहा पंचविहा पन्नत्ता, तंजहा-१ दिली 2 वेढगा 3 मुद्धया 4 पुलया 5 सीमागारा, सेत्तं गाहा 3 / से किं तं मगरा ?, मगरा दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-१ सोंडमगरा य 2 मट्टमगरा य, सेत्तं मगरा 4 / से किं तं सुसुमारा ?, सुसुमारा एगागारा पन्नत्ता, सेत्तं सुसुमारा 5 / जे यावन्ने तहप्पगारा ते समासयो दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-समुच्छिमा य गम्भवक्कंतिया य, तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सव्वे नपुंसगा, तत्थ णं जे ते गम्भवक्कंतिया ते तिविहा पन्नत्ता, तंजहा-इत्थी पुरिसा नपुसगा 6 / एएसि णं एवमाइयाणं जलयरपंचिदिय-तिरिक्खजोणियाणं पजत्तापज्जत्ताणं अद्धतेरस-जाइकुलकोडिजोणिप्पमुह-सयसहस्सा भवंतीति-मक्खायं 7 / सेत्तं जलयर-पंचिंदियतिरिक्खजोणिया // सू० 33 // से किं तं थलयर-पंचिदिय-तिरिक्खजोणिया ?, थलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-चउप्पयथलयर-पंचिंदिय-तिरिवखजोणिया य परिसप्प-थलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिया य 1 / से किं तं चउप्पय-थलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिया ?, चउप्पय-थलयर-पंचिंदिय-तिरिवखजोणिया चउविहा पन्नत्ता, तंजहा-एगखुरा विखुरा गंडीपदा सणफदा 2 / से किं तं एगखुरा ?, एगखुरा श्रणेगविहा पनत्ता, तंजहा-अस्सा अस्सतरा घोडगा गद्दभा गोरक्खरा कंदलगा सिरिकंदलगा पावत्तगा, जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं एगखुरा 3 / से कि तं दुखुरा ?, दुखुरा अणेगविहा पत्नत्ता, तंजहा-उट्टा गोणा गवया रोज्झा पसुया महिसा मिया संबरा वराहा अया एलग-रुरु-सरभचमर-कुरंग-गोकन्नमादि जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं दुखुरा 4 / से कि तं