________________ 26 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / षष्ठो विभागः गंडीपया ?, गंडीपया अणेगविहा पन्नत्ता, तंजहा-हत्थी हत्थीपूयणया मंकुणहत्थी खग्गा गंडा जे यावन्ने तहप्पगारा, से तं गंडीपया 5 / से कि तं सणप्फया ?, सणफया अणेगविहा पन्नत्ता, तंजहा-सीहा वग्घा दीविया अच्छा मरच्छा परस्सरा सियाला बिडाला सुणगा कोलसुणगा (ग्रंथाग्रं५००) कोकंतिया ससगा चित्तगा चिललगा जे यावन्ने तहप्पगारा, से तं सणप्फया 6 / ते समासयो दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-समुच्छिमा य गम्भवक्वंतिया य, तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सव्वे नपुंसगा, तत्थ णं जे ते गम्भवक्कंतिया ते तिविहा पनत्ता, तंजहा-इत्थी पुरिसगा नपुंसगा 7 / एएसिणं एवमाइयाणं थलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणियाणं पजत्तापजत्ताणं दस जाइकुलकोडि-जोणिप्पमुह-सयसहस्सा भवंतीतिमक्खायं 8 / से तं चउप्पय-थलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिया १॥सू० 34 // से किं तं परिसप्पथलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिया ?, परिसप्प-थलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजो. णिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-उरपरिसप्प-थलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिया य भुयपरिसप्प-थलयर-पंनिंदिय-तिरिक्खजोणिया य 1 / से किं तं उरपरिसप्प-थलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिया ?, उरपरिसप्प-थलयर-पंचिंदियतिरिक्खजोणिया चउब्विहा पत्नत्ता, तंजहा-ग्रही अयगरा श्रासालिया महोरगा 2 / से कि तं नही ?, अही दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-दव्वीकरा य मउलिणो य, से किं तं दव्वीकरा ?, दव्वीकरा अणेगविहा पन्नत्ता, तंजहा-- श्रासीविसा दिट्ठीविसा उग्गविसा भोगविसा तयाविसा लालाविसा उस्सासविसा नीसासविसा कराहसप्पा सेदसप्पा काोदरा दमपुष्फा कोलाहा मेलिमिंदा सेसिंदा जे यावन्ने तहप्पगारा, से तं दव्वीकरा। से किं तं मउलिणो ?, मउलिणो अणेगविहा पन्नत्ता, तंजहा-दिव्वागा गोणसा कसाहिया वइउला चित्तलिणो मंडलिणो मालिणो श्रही हिसलागा वासपडागा जे यावन्ने तहप्पगारा, से तं मउलिणो, सेत्तं यही 3 / से कि तिरिकखजातिरिक्खजोणियायवाचदिय-तिरिक्खजोलजो