________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् / / पदं 21 ] [ 265 गोयमा ! दुविहे पन्नते, तंजहा-समुच्छिम-चउप्पय-थलयर-तिरिक्खजोणियपंचिंदिय-पोरालियसरीरे य गम्भवक्कंतिय--चउप्पय-थलयर-तिरिक्खजोणियपंचिंदिय-योरालियसरीरे य 14 / संमुच्छिमचउप्पय-थलयर-पंचिंदिय-योरालियसरीरे कइविहे पनते ?, गोयमा ! दुविधे पन्नत्ते, तंजहा-पज्जत्तसंमुच्छिमचउप्पय-थलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-योरालियसरीरे य, अपजत्तसमुच्छिम-चउप्पय-थलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-पोरालियसरीरे य, एवं गम्भवक्कतिएवि 15 / परिसप्प-थलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-श्रोरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तंजहाउरपरिसप्पथलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-योरालियसरीरे य भुयपरिसप्पथलयर-तिरिक्खज़ोणिय-पंचिंदिय-योरालियसरीरे य 16 / उरपरिसप्पथलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-बोरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नते ?, गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-समुच्छिम-उरपरिसप्प-थलयरतिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-योरालियसरीरे य गम्भवक्कंतिय-उरपरिसप्पथलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-श्रोरालियसरीरे य 17 / संमुच्छिमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-अपजत्त-समुच्छिम-उरपरिसप्प-थलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिदिय-योरालियसरीरे य पजत्त-समुच्छिम-उरपरिसप्प-थलयर-तिरिक्खजोणियपंचिंदिय-योरालियसरीरे य 18 / एवं गम्भवक्कंतियउरपरिसप्पे चउक्कतो भेश्रो, एवं भुयपरिसप्पावि संमुच्छिम-गब्भवक्कंतिय-पजत्ता अपजत्ताय 11 / खहयरा दुविधा, पन्नत्ता, तंजहा-समुच्छिमा य गम्भवक्कंतिया य 20 / संमुच्छिमा दुविधा पन्नत्ता ?, पज्जत्ता अपजत्ता य, गम्भवक्कंतियावि पजत्ता अपज्जत्ता य 21 / मणूस-पंचिंदिय-योरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविहे पत्नत्ते, तंजहा-समुच्छिम-मणूस-पंचिंदिय-शोरालियसरीरे य गम्भवक्कंतिय-मरास-पंचिंदिय-योरालियसरीरे 21 / गम्भवक्कंतियमणूस-पंचिंदिय-बोरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते?, गोयमा !