________________ 294 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: षष्ठो विभागः काइय-एगिदिय-योरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-पजत्तग-सुहुम-पुढविकाइय-एगिदिय-योरालियसरीरे य अपजत्तग-सुहुम-पुढविकाइय-एगिदिय-योरालियसरीरे य 6 / बोदरपुढविकाइयावि एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइय-एगिदियोरालियत्ति 7 / बेइंदिय-पोरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविधे पन्नत्ते, तंजहा-पजत्त-बेइंदिय-धोरालियसरीरे य अपजत्तग-बेइंदिय-थोरालियसरीरे य, एवं तेइंदिया चउरिंदियावि 8 / पंचिंदियथोरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविधे पन्नत्ते, तंजहा-तिरिक्खजोणियपंचिंदिय-योरालियसरीरे य मणुस्सपंचिंदिययोरालियसरीरे य 1 ।तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिययोरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! तिविधे पनत्ते, तंजहा-जलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-योरालियसरीरे थलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-श्रोरालियसरीरे खहयर-तिरिक्खजोणियपंचिंदिय-योरालियसरीरे 10 / जलयर-तिरिवखजोणिय-पंचिंदिय-श्रोरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नते ?, गोयमा ! दुविधे पन्नत्ते, तंजहासंमुच्छिमजलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिय-योरालियसरीरे गम्भवक्कंतिजलयर-पंचिंदिय-तिरिखखजोणिय-योरालियसरीरे य 11 / समुच्छिमजलयरतिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-योरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-पजत्तगसमुच्छिम-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय. पोरालियसरीरे य अपजत्तगसंमुच्छिम-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-धोरालियसरीरे य, एवं गम्भवक्कंतिएवि 12 / थलयरपंचिंदिय-तिरिक्खजोणियपंचिंदिय-शोरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-चउप्पयथलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-पोरालियसरीरे य परिसप्पथलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-योरालियसरीरे य 13 / चउप्पयथलयर-तिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-पोरालियसरीरेणं भंते ! कतिविधे पन्नत्ते?,