________________ त ?, गोयमा ! पाकिसठाणसंठित गावि बादराणाव 266 ) [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः षष्ठो विभागः दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-पजत्तग-गम्भवक्कंतिय-मणूस-पंचिंदिय-योरालियसरीरे य अपजत्तग-गब्भवक्कंतिय-मणूस-पंचिंदिय-बोरालियसरीरे य // सूत्रं 267 // श्रोरालियसरीरे णं भंते ! किंसंठिते पन्नत्ते ?, गोयमा ! णाणासंठाणसंठिते पन्नत्ते 1 / एगिदियोरालियसरीरे णं भंते ! किसंठिते पन्नत्ते ?, गोयमा ! णाणासंठाणसंठिते पन्नत्ते, 2 / पुढविकाइय-एगिदियश्रोरालियसरीरे णं भंते ! किंसंगणसंटिते पन्नत्ते ?, गोयमा ! मसूरचंदसंठाणसंठिते पन्नत्ते 3 / एवं सुहुमपुढविकाइयाणवि बादराणवि एवं चेव पजत्तापजत्ताणवि एवं चेव 4 / अाउकाइय-एगिदिय-योरालियसरीरे णं भंते ! किंसंगणसंठिते पन्नत्ते ?, गोयमा ! थिबुकविंदु-संठाणसंठिते पन्नत्ते, एवं सुहुमबादरपजत्तापजत्ताणवि 5 / तेउकाइय-एगिदिय-उरालियसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिते पन्नत्ते ?, गोयमा ! सूईकलाव-संठाणसंठिते पन्नत्ते, एवं सुहुमबादरपजत्तापजत्ताणवि 6 / वाउकाइया णं पडागासंठाणसंठिते पराणत्ते, एवं सुहुमबादर-पजत्तापजत्ताणवि 7 / वणप्फइकाइया णं णाणासंगणसंठिते पन्नत्ते, एवं सुहुमवादर-पजत्तापजताणवि 8 / बेइंदिययोरालियसरीरे णं भंते ! किसंगणसंठिए पन्नत्ते?, गोयमा! हुंड-संठाणसंठिते पन्नत्ते, एवं पजत्तापजत्ताणवि, एवं तेइंदियचउरिंदियाणवि 1 ।तिरिक्खजोणियपंचिंदिय-योरालियसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ?, गोयमा ! छबिह-संठाणसंठिए पन्नत्ते, तंजहा-समचउरंससंठाणसंठिए जाव हुंडसंठाणसंठितेवि, एवं पजत्तापजत्ताणवि 3, 10 / संमुच्छिम-तिरिक्खजोणियपंचिंदिय-योरालियसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ?, गोयमा ! हुंडसंठाणसंठिते पन्नत्ते, एवं पजत्तापजत्ताणवि 3, 11 / गम्भवक्कंतियतिरिक्खजोणिय-पंचिंदिय-ओरालियसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ?, गोयमा ! छव्विहसंठाणसंठिए पन्नत्ते, तंजहा-समचउरंसे जाक हुंडसंठाणसंठिए, एवं पजत्तापजत्ताणवि 3, 12 / एवमेते तिरिक्खजोणियाणं