________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् // पदै 10 ] [ 186 सोगाढे, एवं जाव आयते 6 / परिमंडले णं भंते! संगणे संखेजपएसिए संखेजपएसोगाढे किं चरमे अचरमे चरमाइं अचरमाइं चरमंतपएसा अचरमंतपएसा ?, गोयमा ! परिमंडले णं संठाणे संखेजपएसिए संखेजपएसोगाढे नो चरमे नो अचरमे नो चरमाई नो अचरमाइं नो चरमंतपएसा नो अचरमंतपएसा, नियमं अचरमं चरमाणि य चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य, एवं जाव श्रायते 7 / परिमंडले णं भंते ! संगणे असंखेजपएसिए संखेजपएसोगाढे किं चरमे पुच्छा, गोयमा! असंखेजपएसिए संखेजपएसोगाढे जहा संखेजपएसिए, एवं जाव अायते 8 / परिमंडले णं भंते ! संठाणे असंखेजपएसिए असंखेजपएसोगाढे किं चरमे पुच्छा, गोयमा ! असंखिजपएसिए असंखिजपएसोगाढे नो चरमे जहा संखेजपदेसोगादे, एवं जाव आयते 1 / परिमंडले णं भंते ! संगणे अणंतपएसिए संखिजपएसोगाढे किं चरमे पुच्छा, गोयमा ! तहेव जाव अायते, अणंतपएसिए असंखेजपएसोगाढे जहा संखेजपएसोगाढे, एवं जाव आयते 10 / परिमंडलस्स णं भंते ! संठाणस्स संखेजपएसियस्त संखेजपएसोगाढस्स अचरिमस्स य चरिमाण य चरमंतपदेसाण य अचरमंतपएसाण य दवट्ठयाए पएसट्टयाए दबट्टपएसट्टयाए कयरेश्हितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स दबट्टयाए एगे अचरिमे चरिमाइं संखेजगुणाई अचरमं चरमाणि य दोऽवि विसेसाहियातिं पदेसट्टयाए सव्वत्थोवा परिमंडलस्स संठाणस्स संखिजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स चरमंतपएसा अचरमंतपएसा संखेजगुणा चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दोऽवि विसेसाहिया दबटुपएसट्टयाए सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स दबट्टयाए एगे अचरिमे चरिमाइं संखेजगुणाति अचरमं च चरमाणि य दोवि विसेसाहियाति चरमंतपएसा संखेजगुणा अचरिमंतपएसा संखेजगुणा चरिमंतपएसा