________________ 130 ) [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः : षष्ठो विभागः चउट्ठाणवडिए ठिईए तिट्ठाणवडिए वन्न-गंध-रस-फास-मइयन्नाण-सुश्रअन्नाणअचक्खुदंसणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए से एएणटेणं जाव पन्नत्ता 4 / तेउकाइयाणं भंते ! केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता 5 / से केणटेणं भंते ! एवं वुचइ-तेउकाइयाणं ऋणंता पजवा पत्नत्ता ?, गोयमा ! तेउकाइए तेउकाइयस्स दव्वट्टयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले योगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन-गंध-रस-फास-मइयन्नाण-सुयअन्नाण-अच खुदंसण-पज्जवेहि य छट्ठाणवडिए से एएण?णं जाव पन्नत्ता 6 / वाउकाइयाणं भंते ! केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! वाउकाइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता 7 / से केण? णं भंते ! एवं वुच्चइ-बाउकाइयाणं अणंता पजवा पन्नता ?, गोयमा ! वाउकाइए वाउकाइयस्स दवट्टयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले भोगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए तिट्ठाणवडिए वन्न-गंध-रस-फास-मइअन्नाणसुययनाण-अवखुदंसणपजवेहि य छट्ठाणवडिए से एएण?णं जाव पन्नत्ता 8 / वपस्सइकाइयाणं भंते ! केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता 1 / से केण?णं भते ! एवं वुचइ-वणस्सइकाइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता ?, गोयमा ! वणस्सइकाइए वणस्सइकाइयस्स दव्वट्टयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले योगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए तिट्ठाणवडिए वन्नगंध-रस-फास-मइयन्नाण-सुययन्नाण-अचक्खुदंसणपज्जवेहि य छट्टाणवडिए, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-वणस्सइकाइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता 10 // सू० 106 // बेइंदियाणं भंते ! केवड्या पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! यणंता पजवा पत्नत्ता 1 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-बेइंदियाणं श्रणंता पजवा पन्नत्ता ?, गोयमा ! बेइंदिए बेइंदियस्स दबट्टयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले योगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अभहिए, जइ हीणे असंखिजइभागहीणे वा संखिजइभागहीणे वा संखिजगुणहीणे वा असंखिजइगुणहीणे वा, अह अब्भहिए असंखिजभागभहिए वा