________________ 2] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः // पश्चमो विभागः याइराण-जाणजुग्गा विमउल-गावणलिणि-सोभियजला पंडुर-वर-भवणसरिणमहिमा उत्ताण-णयण-पेच्छणिज्जा पासादीया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा // सू० 1 // तीसे णं पाए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसिभाए पुराणभदे णामं चेइए होत्था, चिराईए पुब्वपुरिसपराणत्ते पोराणे सदिए वित्तिए (कित्तिए) णाए सच्छत्ते सज्झए सघटे सपडागाइ-पडागमंडिए (सपडागे पडागाइ-पडागमंडिए) सलोमहत्थे कयवेयदिए लाउल्लोइयमहिए गोसीससरस-रत्तचंदण-दहर-दिराण-पंचंगुलितले उवचिय-चंदण-कलसे चंदण-घडसुकय-तोरण-पडिदुवार-देसभाए अासत्तोसत्त-विउल-वट्ट-वग्घारिय-मल्लदामकलावे पंचवरण-सरस-सुरहि-मुक्क-पुष्फ पुजोवयार-कलिए कालागुरु-पवरकुंदुरुक-तुरुक-धूव-मघमघंत-गंधुद्धयाभिरामे सुगंध-वर-गंधगंधिए गंधवट्टिभूए णड-गट्टग-जल्ल-मल्ल-मुट्ठिय-वेलंबय-पवग-कहग-लासग-श्राइवखग-लंख-मखतूणइल-तुबवीणिय-भुयग-मागह-परिगए बहुजणजाणवयस्स विस्सुयकित्तिए बहुजणस्स पाहुस्स बाहुणिज्जे पाहुणिज्जे अचणिज्जे वंदणिज्जे नमंस-णिज्जे पूयणिज्जे सकारणिज्जे सम्माणणिज्जे कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं विणएणं पज्जुवासणिज्जे दिव्वे सच्चे सच्चोवाए. सरिणहियपाडिहेरे जाग-सहस्स भागपडिच्छए बहुजणो अच्चेइ पागम्म पुराणभद्द. चेइयं 2 // सू० 2 // से णं पुराणभद्दे चेइए एक्केणं महया वणसंडेणं सम्बयो समंता संपरिक्खित्ते, से णं वणसंडे किराहे किराहोभासे नीले नीलोभासे हरिए हरियोभासे सीए सीग्रोभासे गिद्धे णिद्धोभासे तिव्वे तिव्योभासे किराहे किराहच्छाए नीले नीलच्छाए हरिए हरियच्छाए सीए सीयव्छाए णिद्धे गिद्धच्छाए तिब्वे तिव्वच्छाए घणकडिअकडिच्छाए रम्मे महामेहणिकुरंबभूए 1 / ते णं पावया मूलमंतो कंदमंतो खंधमंतो तयामंतो (हरियमंतो) सालमंतो पवालमंतो पत्तमंतो पुष्फमंतो ‘फलमंतो