________________ // अहम् // श्रीमच्चतुर्दशपूर्वधर-श्रुतस्थिविर संकलितं // श्रीऔपपातिक-सूत्रम् // तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था, रिद्धस्थिमियसमिद्धा पमुइय-जण-जाण(जणुजाण)वया पाइराण-जणमगुस्सा - हलसयसहस्स-संक्किट्ठ विकिट्ठ-लट्ठ-पराणत्त सेउसीमा कुक्कुड-संडे-गामपउरा उच्छु-जव-सालि-कलिया(सालिमालिणीया) गो-महिस-गवेलगप्पभूता पायारवंत-चेइय-जुवइ-विविह-सरिणविट्ठ-बहुला (:अरिहंत-इय-जणवय-विसरिणविट्ठ-बहुला, सुयागचित्त-चेइयजूय-सरिणविट्ठ-बहुला) उक्कोडिय-गायगंठिभेयग-भड-तकर-खंड-रक्खरहिया खेमा णिरुवदवा सुभिक्खा वीसस्थसुहावासा अणेग-कोडिकुडुबियाइराण-णिव्वुयसुहा णड-गट्टग-जल्ल-मल्ल-मुट्ठियवेलंबय-कहग-पवग-लासग-बाइक्खग-लंख-मंख-तूणइल-तुबवीणिय-अणेगतालायराणुचरिया .. श्रारामुजाण-अगड-तलाग-दीहिय वप्पिणि गुणोववेया नंदणवण-सन्निभप्पगासा . उविद्ध-विउल-गंभीर-खायफलिहा चक्कगयमुसुटि-शोरोह-सयग्घि-जमल-कवाड-घण-दुप्पवेसा धणु-कुडिल-वंक-पागारपरिक्खित्ता. कविसीसय-वट्टरइय-संठिय-विरायमाणा अट्टालय चरिय-दारगोपुर-तोरण-उराणय-सुविभत्त-रायमग्गा छेयायरिय-रइय-दढफलिह-इंदकिला विवणि-वणिच्छेत्त-सिप्पियाइराण-णिव्वुयसुहा सिंघाडग-तिग-चउक-चच्चर. (चउम्मुह-महापह-पहेसु)पणियावण-विविह-वत्थुपरिमंडिया सुरम्मा नरवइ. पविइराण-महिवइपहा अणेग-वर-तुरग-मत्तकुंजर-रहपहकर-सीय-संदमाणी