________________ श्रीमत्प्रश्नव्याकरणदशाङ्ग सूत्रम् : अध्ययनं 4 j दिसा-सोवत्थिय-पाणिलेहा, रवि-ससि-संख-वरचक-दिसासोवत्थिय-विभत्तसुविरइयपाणिलेहा, वर-महिस-बराह-सीह-सद्दूल-रिसह-नाग-बरपडिपुन्नविउलखंधा, चउरंगुल-सुप्पमाण-कंबु-वर-सरिसग्गीवा, श्रवट्ठिय-सुविभत्त-चित्तमंसू, उवचिय-मंसल-पसत्थ-सद्दूल-विपुलहणुया, श्रोयविय-सिलप्पवाल-बिंबफल-संनिभाधरोहा, पंडुर-ससिकल-विमल-संख-गोखीर-फेण कुददगरय-मुणालिया धवलदंतसेढी, अखंडदंता, अप्फुडियदंता, अविरलदंता, सुणिद्धदंता, सुजायदंता, एतदंतसेढिब्ब अणेगदंता, हुयवह-निद्धत-धोय-तत्ततवणिज-रत्ततला, तालुजीहा, गरुलायत-उज्जु-तुंगनासा, श्रवदालियपोंडरीय-नयणा, कोकासिय-धवलपत्तलच्छा, प्राणामिय-चावरुइल-किराहमराजि-संठिय-संगयायय-सुजाय-भुमगा, अल्लीण-पमाण-जुत्तसवणा, सुसवणा पीण-मंसल-कबोल-देसभागा, अचिरुग्गय-बालचंद-संठिय-महानिलाडा, उडुवतिरिख पडिपुन्नसोमवयणा, छत्तागारुत्तमंगदेसा, घणनिचिय-सुबद्ध-लवखणुनयकूडागार-निभ-पिडियग्गसिरा, हुयवह-निद्धंत-धोयतत्त-तवणिज-रत्तकेसंतकेसभूमी, सामली-पोंड-घण-निचिय-छोडिय-मिउ-विसत-पसत्थ-सुहुम-लवखणसुगंधि-सुदर-भुयमोयग-भिंग-नीलकज्जल-पहट्ठभमरगण-निद्धनिगुरुंब, निचियकुंचिय-पयाहिणावत्त-मुद्धसिरया 15 / सुजात-सुविभत्त-संगयंगा, लक्खणवंजण-गुणोववेया, पसत्थ-बत्तीस-लक्खणधरा, हंसस्सरा, कुंचस्सरा, दुदुभिस्सरा, सीहस्सरा, उज(ोघ)सरा, मेघसरा, सुस्सरा, सुसरनिग्घोसा, बजरिसह. नाराय-संघयणा, समचउरंस-संगण-संठिया, छायाउजोवियंगमंगा पसत्थच्छवी निरातंका, कंकग्गहणी, कवोत पविस-परिणामा, सउणि-पोस-पिटुतरोरुपरिणया, पउमुप्पल-सरिस-गंधुस्सास-सुरभिवयणा, अणुलोम-वाउवेगा, श्रवदाय-निद्धकाला, विग्गहिय-उन्नय-कुच्छी, अमयरस-फलाहारा, तिगाउय. समूसिया, तिपलिश्रोवमट्टितीका, तिनि य पलिग्रोवमाइं परमाउं पालयित्ता तेवि उवणमति मरणधम्म अवितित्ता कामाणं 16 / पमयावि य तेसिं होंति