________________ भामरनव्याकरणदशा-लम् / अध्ययनं 1 ] त-पहरण-विकिनाभरण-भूमिभागे, नचंतकबंध-पउरभयंकरवायस-परिलितगिद्ध-मंडल-भमंत-च्छायधकार-गंभीरे, वसु-वसुह विकंपितब्व पिच्चरख-पउवणं परम-रुद-बीहणगं दुप्पवेसतरगं अभिवयंति संगाम-संकडं परधणं महता, 8 / अवरे पाइक-चोरसंवा सेणावति-चोरवंद-पागडिढका य. अंडवीदेस-दुग्गवासी काल-हरित-रत्त-पीत-सुकिल्ल-अणेग-सयचिंध-पट्टबद्धा परविसए अभिहणंति 1 / लुद्धा धणस्स कज्जे रयणागर-सागरं उम्मी-सहस्स मालाउलाकुल-वितोयपोत-कलकलेंत-कलियं, पायाल-सहस्स-वायवस-वेग-सलिल-उद्धम्ममाणदगरय-रयंधकार, वरफेण-पउर-धवल पुलंपुल-समुट्ठियट्टहासं, मारुय-विच्छुः भमाण-पाणियं, जलमालुप्पील-हुलियं; अविय समंतयो, 10 / खुभियलुलिय-खोखुम्भमाण पक्खलिय-चलिय-विपुल-जलचकवाल-महानई-वेग-तुरिः य-श्रापूरमाण-गंभीर-विपुल-पावत्त-चाल-भममाण-गुप्पमाणुच्छलंत-पच्चोणियत्त-पाणिय-पधाविय-खर-फरुस पयंड-बाउलिय-सलिल-फुट्टत-वीति-कलोलसंकुलं, महामगर-मच्छ-कच्छभोहार-गाह-तिमि-सुसुमार-सावय-समाहय-समुद्धायमाण कपूर-घोरपउरं, कायर जण-हिययकंपणं, घोरमारसंतं, महब्भयं, भयंकरं, 11 / पतिभयं, उत्तासणगं, अणोरपारं, अागासं चेव निरवलंब, उपाइय-पवण-धणित-नोल्लिय-उवरुवरि-तरंग-दरिय-अतिवेग-वेग-चवखुपहमुन्छरंतं, कच्छइ-गंभीर-विपुल-गजिय-गुजिय-निग्घाय-गरुय-निवतित-सुदीहनीहारि-दूरसुव्वंत-गंभीर-धुगधुगंत-सह, पडिपह-रुभंत-जवख-रवखसकुहंड-पिसाय-पगजिय(रुसिय-तजाय)-उवसग्ग-सहस्स-संकुलं, बहूप्पाइय(उबव)भूयं, विरचित-बलि-होम-धूव-उवचार-दिन-रुधिरचणा करण–पयतजोगव्ययचरियं, परियन्त-जुगंत-काल-कप्पोवमं, दुरंतं महानई-नई-बई-महाभीम-दरिसणिज्ज, दुरणुचरं, विसमप्पेवसं, दुक्खुत्तारं, दुरासयं, लवणसलिल-पुराणं, असिय-सिय-समूसिय-गेहिं दच्छतरकेहिं वाहणेहिं अइवइत्ता समुद्दमज्झे हणंति, गंतूण जणस्स पोते. 12 / परदव्वहरा नरा निरणुकंपा