________________ श्रीमत्प्ररनव्याकरणदशाङ्ग-सूत्रम् : अध्ययन 1 ] [ 354 विदंसणेहिं अगणिं 11 / सुप्प-वियण तालयंट-(परिथुनक)-हुणमुह-करयलसागपत्त-वत्थएवमादिएहिं अणिलं 12 / अगार-परिया[डिया]र-भक्ख-भोयणसयणासण-फलक-मुसल-उखल-तत-विततातोज-वहणवाहणमंडध-विविहभवणतोरण-विटंग-देवकुल-जालय-द्धचंद-निज्जुहग-चंदसालिय-वेतिय-णिस्सेणिदोणि-चंगेरी-खील-मेढक--सभा-पवा-वसह-गंध-मल्लाणुलेवणंबर-जुय-नंगलमेइय-कुलिय-संदण-सीया--रह-सगड-जाणजोग्ग-अट्टालग-चरिश्र-दार-गोपुरफलिहा-जंत-सूलिया-लउड-मुसुदि-सयग्धि-बहुपहरणा-वरणुवक्खराण-कए, अराणेहि य एवमाइएहिं बहुहिं कारणसएहिं हिंसन्ति ते तस्गणा भणिता भणिए य एवमादी 13 / सत्ते सत्तपरिवज्जिया उदहणन्ति दढमूढा दारुणमती कोहा माणा माया लोभा हासा रती अरती सोय वेदत्य-जीयधम्मत्थकामहेउ सवसा श्रवसा अट्ठा अणट्ठा एय तसपाणे थावरे य हिंसंति 14 / मंदबुद्धीया सवसा हणंति, अवसा हांति, सवसा - अवसा दुहयो हगांति, अट्ठा हणंति अणट्ठा हणणंति, अट्ठा अणट्ठा दुहश्रो हणंति, हस्सा हणंति, वेरा हणंति, * रती य हणंति, हस्सावेरारती य हणंति, कुद्धा हणंति, लुद्धा हणंति, मुद्धा हणंति, कुद्धा लुद्धा मुद्धा हगांति, अत्था हगांति, धम्मा हांति, कामा हणंति अत्था धम्मा कामा हगांति 15 // सू० 3 // कयरे ते ?, जे ते सोयरिया मच्छबंधा साउणिया वाहा कूरकम्मा(वाउरिया) दीवित-बंधणप्पश्रोगतप्पगलजाल-वीरलगायसीदभ-वग्गुरा-कूडछलियाहत्था(दीविया) हरिएसा कुणिया (साउणिया) य वीदंसगपासहत्था वणचरगा लुद्धगा महुघाया पोतघाया एणीयारा पएणियारा सर-दह-दीहिय-तलाग-पल्लल-परिगालण-मलण-सोत्तबधण-सलिलासयसोसगा बिसगरस्स य दायगा उत्तणवल्लर-दवग्गिणिद्दय-पलीवका कूरकम्मकारी इमे य बहवे मिलक्खुया, के ते?, 1 / सक-जवण-सबर-बब्बरकाय-मुरुडोदभडग-तित्तिय-पकणिय-कुलक्ख-गोड-सींहल-पारस-कोचंध-दविलबिल्लल-पुलिंद-अरोस-डोंब-पोकण-गंधहारग-बहलीय-जल-रोम-मास-बउस