________________ 26) [.श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्थी विभाग पोसहसालाए जावं धम्मपरणत्ति उवसम्पजित्ता णं विहरइ, एवं एकारस उवासमपडिमायो तहेव जाव सोहम्मे कप्पे अरुणज्झए विमाणे जाव अन्तं काहिइ / / निक्लेवो // सू० 38 // सत्तमस्स श्रङ्गस्स उवासगदसाणं छ8 अज्झयणं समत्तं // ....... ... ... // इति षष्ठमध्ययनम् // 6 // // 7 // अथ श्री सबालपुत्राख्यं सप्तममध्ययनम् // सत्तमस्स उक्लेवो // पोलासपुरे नामं नयरे सहस्सम्बवणे उजाणे, जियसत्तू राया, तत्थ णं पोलासपुरे नयरे सद्दालपुत्ते नामं कुम्भकारे श्राजीवियोवासए परिवसइ, आजीवियसमयंसि लद्ध? गहियढे पुच्छियट्ठ विणिच्छिय? अभिगय? अट्ठिमिंज-पेमाणुरागरत्ते य अयमाउसो ! श्राजीवियसमए श्र? अयं परम8 सेसे अणठेत्ति श्राजीवियसमएणं श्रप्पाणं भावेमाणे विहरइ 1 / तस्स णं सद्दालंपुत्तस्स श्राजीवीयोवासगस्स एका हिरगणकोडी निहाणपउत्ता एका बुड्डिपउत्ता एका पवित्थरपउत्ता एके वए दसगोसाहस्सिएणं वएणं, तस्स णं सद्दालपुत्तस्म श्राजीवियोवासगस्स अग्गिमित्ता नाम भारिया होत्या, तस्स णं सद्दालपुत्तस्स ‘श्राजीवियोवासंगस्स पोल्लासपुरस्स नगरस्स बहिया पञ्च कुम्भकारावणसया होत्था 2 / तत्थ णं बहवे पुरिसा दिरणभइभत्तवेयणा कल्लाकलिं बहवे करए य वारए य पिहडए य घडए य उद्धघडए य कलसएं य अलिञ्जरए य जम्बूलए य उट्टियायो य करेन्ति, अन्ने य से बहवे पुरिसा दिनभइभत्तवेयणा कल्लाकलिं तेहिं बहूहिं करएहि य जाव उट्टियाहि य रायमग्गंसि वित्तिं कप्पेमाणा विहरन्ति 3 // सू० 36 // ... तए णं से सद्दालपुत्ते यानीवियोवांसए अन्नया कयाइ पुत्वावरगहकालसमयंसि जेणेव.. असोगवणिया तेणेव उवामच्छइ 2 गोसालस्स