________________ 256 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्थो विभागः ___ // 5 // अथ पञ्चमो वर्गः // पंचमवग्गस्स उक्खेवयो, एवं खलु जंबू ! जाव बत्तीसं अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा-कमला कमलप्पभा चेव, उप्पला य सुदंसणा। स्ववती बहुरूवा, सुरुवा सुभगाविय // 1 // पुराणा बहुपुत्तिया चेव, उत्तमा भारियाविय / पउमा वसुमती चेत्र, कणगा कणगप्पभा // 2 // वडेंसा केउमती चेव, बइरसेणा रयिप्पिया / रोहिणी नमिया चेव, हिरी पुष्फवतीतिय // 3 // भुयगा भुयगवती चेव, महाकच्छाऽपराइया / सुघोसा विमला चेव, सुस्सरा य सरस्सती॥ 4 // 1 / उक्खेवश्रो पढममयणस्स, एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं 2 रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जुवासति, तेणं कालेणं 2 कमला देवी कमलाए रायहाणीए कमलवडेंसए भवणे कमलसि सीहासणंसि सेसं जहा कालीए तहेव णवरं पुब्वभवे नागपुरे नयरे सहसंबवणे उजाणे कमलस्स गाहावतिस्स कमलसिरीए भारियाए कमला दारिया पासस्स पुरिसादाणीयस्स अंतिएं निक्खंता कालस्स पिसाय-कुमारिंदस्स अग्गमहिसी श्रद्धपलियोवमं ठिती 2 / एवं सेसावि अज्झयणा दाहिणिलाणं वाणमंतरिंदाणं 3 / भाणियबायो सवायो णागपुरे सहसंबवणे उजाणे माया पिया धूया सरिसनामया, ठिती श्रद्धपलिश्रोवमं 4 // सूत्रं 151 // पंचमो वग्गो समत्तो॥ // इति पञ्चमो वर्गः // 1-5 // // 6 // अथ षष्ठो वर्गः // छट्ठोवि वग्गो पंचमवग्गसरिसो, पवरं महाकालिंदाणं उत्तरिलाणं इंदाणं अग्गमहिसीश्रो पुव्वभवे सागेयनयरे उत्तरकुरुउजाणे माया पिया धूया सरिसणामया सेसं तं चेव // सूत्र 160 // छट्टो वग्गो समत्तो। // इति षष्ठो वर्गः // 2-6 //