SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 155
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 138 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्थो विभागः कालियवातेणं आहुणिजमाणी 2 संचालिजमाणी 2 संखोभिजमाणी 2 सलिल-तिक्खवेगेहिं प्रायट्टिजमाणी 2 कोट्टिमंसि करतलाहते विव तेंदूसए तत्थेव 2 श्रोवयमाणी य उप्पयमाणी य उप्पयमाणीविव धरणीयलायो सिद्धविजाहरकन्नगा योवयमाणीविव गगणतलायो भट्ठविजा विजाहर-कन्नगाविव पलायमाणीविव महागरुल-वेग-वित्तासिया भुयगवरकन्नगा धावमाणीविव महाजण-रसियसद-वित्तत्था ठाणभट्टा श्रासकिसोरी णिगुजमाणीविव गुरुजण-दिटावराहा सुयण-कुलकनगा घुम्ममाणीविव वीचीपहार सततालिया गलिय-लंबणाविव गगणतलायो रोयमाणीविव सलिल-गंट्टि-विप्पइरमाण-घोरंसुवाएहिं णववहू उवरतभत्तुया विलवमाणीविव परचक्क-रायाभिरोहिया परम-महब्भयाभिया महापुरवरी झायमाणीविव कवडच्छोम-प्पयोगजुत्ता जोगपरिव्वाइया णिसासमाणीविव महाकंतारविणिग्गय-परिस्संता परिणयवया अम्मया सोयमाणीविव तवचरण-खीणपरिभोगा चयण-काले देववरवहू संचुरिणय-कट्ठकूवरा भग्ग-मेढि-मोडियसहस्समाला सूलाइय(त)-वंक-परिमासा फलहंतर-तडतडेंत-फुट्टत-संधिवियलंत-लोहकीलिया सव्वंग-वियंभिया परिसडिय-रज्जु-विसरंत-सव्वगत्ता श्रामग-मलग-भूया अकयपुराण-जण मणोरहोविव चिंतिजमाणगुरुई हाहाकयकराणधार-णाविय-वाणियग-जण-कम्मगार-विलविया णाणाविह-रयण-पणियसंपुराणा बहूहिं पुरिससएहिं रोयमाणेहिं कंदमाणेहिं सोयमाणेहिं तिप्पमाणेहिं विलवमाणेहिं एगं महं अंतो जलगयं गिरि-सिहर-मासायइत्ता संभग्ग-कूषतोरणा मोडिय-झयदंडा वलय-सय-खंडिया करकरस्स तत्थेव विदवं अगया 1 / तते णं तीए णावाए भिजमाणीए बहवे पुरिसा विपुलपडियं भंडमायाए अंतो जलंमि णिमजावि यावि होत्था 2 // सूत्रं 86 // तते णं ते मागंदियदारगा छेया दक्खा पत्तट्ठा कुसला मेहावी
SR No.004365
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages510
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, agam_anuttaropapatikdasha, agam_prashnavyakaran, & agam_vipakshrut
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy