________________ श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्र :: शतकं 30 : उद्देशकः 1] [795 देवाउयं पकरेइ, अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवाई चउन्विहंपि पकरेइ, जहा कराहलेस्सा एवं नीललेस्सावि काउलेस्सावि, तेउलेस्सा जहा सलेस्सा, नवरं अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी य णो नेरइयाउयं पकरेइ देवाउयंपि पकरेइ तिरिक्खजोणियाउयपि पकरेइ मणुस्साउयंपि पकरेइ, एवं पम्हलेस्सावि, एवं सुकलेस्सावि भाणियव्वा = | कराहपक्खिया तिहिं समोसरणेहिं चउन्विहंपि अाउयं पकरेइ, सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा, मम्मदिट्ठी जहा मणपजवनाणी तहेव वेमाणियाउयं पकरेइ, मिच्छदिट्ठी जहा कराहपंक्खिया, सम्मामिच्छादिट्ठी ण य एक्कंपि पकरेइ जहेव नेरइया, गणाणी जाव मोहिनाणी जहा सम्मदिट्ठी, अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कराहपक्खिया, सेसा जाव श्रणागारोवउत्ता सब्वे जहा सलेस्सा तहा चेव भाणियब्वा 1 / जहा पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं वत्तव्वया भणिया एवं मगुस्साणवि भाणियब्वा, नवरं मणपज्जवनाणी नोसन्नोवउत्ता य जहा सम्महिट्ठी तिरिक्खजोणिया तहेव भाणियव्वा 10 / अलेस्सा केवलनाणी यवेदगा अकसायी अयोगी य एए न एगपि पाउयं पकरेइ जहा श्रोहिया जीवा सेसं तहेव, वाणमंतर जोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा ११शकिरियावादी णं भंते ! जीवा किं भवसिद्धिया अभवसिद्धीया ?, गोयमा ! भवसिद्धीया नो अभवसिद्धीया 12 / अकिरियावादी णं भंते ! जीवा किं भवसिद्धीया पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धीयावि अभवसिद्धीयावि, एवं अन्नाणियवादीवि, वणइयवादीवि 13 / सलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावादी किं भवमिदीया पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धीया नो भवसिद्धीया 14 / सलेस्सा णं भंते ! जीवा अकिरियावादी किं भवसिद्धीया पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धीयावि अभवसिद्धीयावि, एवं अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि जहा मलेस्सा, एवं जाव सुक्कलेस्सा 15 / अलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावादी किं भवसिद्धीया पुच्छा, गोयमा ! भवसिद्धीया नो अभवसिद्धीया, एवं