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________________ 794) [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / तृतीयो विभागः पुच्छा, गोयमा ! 'नो नेस्याउयं पकरेंतिनो-तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति मणुस्साउयं एकरेंति नो देवाज्यं परेंति 1 / अकिरियावादी णं भंते ! नेरइया पुच्छा, गोयमा ! नो नैरइयाउयं तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति मणुस्सोउयपि पकरेंति नो देवाउयं पकरेंति, एवं अन्नाणियवादी वि वेणइयवादीवि 2 / सलेस्सा णं भंते ! नेरइया किरियावादी किं नेरइयाउयं, एवं सब्वेवि नेरइया जे किरियावादी ते मणुस्साउयं एगं पकरेइ, जे अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी ते सव्वट्ठाणेसुवि नो नेरइयाउयं पकरेइ तिरिक्खजोणियाउयंपि पकरेइ मणुस्साउयंपि पकरेइ नो देवाउयं पकरेइ, नवरं सम्मामिच्छत्ते उवरिल्लेहि दोहिवि समोसरणेहिं न किंचिवि पकरेइ जहेब जीवपदे, एवं जाव थणियकुमारा जहेव नेरइया 3 / अकिरियावादी णं भंते ! पुढविकाइया पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेइ तिरिक्खजोणियाउयं पकरेइ मणुस्साउयं पकरेइ नो देवाउयं पकरेइ, एवं अन्नाणियवादीवि 4 / सलेस्सा णं भंते ! एवं जं जं पदं अत्थि पुढविकाइयाणं तहिं 2 मज्झिमेसु दोसु समोसरणेसु एवं चेव दुविहं पाउयं पकरेइ नवरं तेउलेस्साए न किंपि पकरेइ, एवं अाउक्काइयाणवि, वणस्सइकाइयाणवि तेउकाइयाणवि वाउकाइयाणवि, सवट्ठाणेसु मज्झिमेसु दोसु समोसरणेसु नो नेरइयाउयं पकरेइ तिरिक्खजोणियाउयं पकरेइ नो मणुयाउयं पकरेइ नो देवाउयं पकरेइ 5 / बेइंदिय-तेइंदिय-चरिदियाणं जहा पुढविकाइयाणं नवरं सम्मत्तनाणेसु न एक्कंपि पाउयं पकरेइ 6 / किरियावादी णं भंते ! पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिया कि नेरइयाउयं पकरेइ पुच्छा, गोयमा ! जहा मणपजवनाणी, अकिरियावादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी य चउहिपि पकरेइ, जहा श्रोहिया तहा सलेस्सावि 7 / कराहलेस्सा णं भंते ! किरियावादी पंचिंदियतिरिक्खजोणियाउयं किं नेरइयाउयं पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेइ णो तिरिक्खजोणियाउयं नो मणुस्साउयं नो
SR No.004364
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1977
Total Pages418
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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