________________ 462 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / तृतीयो विभागः सिय तिनि जाव सिय दस, संखेजाणं सिय एको सिय दोन्नि जाव सिय दस सिय संखेजा, असंखेजाणं सिय एको जाव सिय संखेजा सिय असंखेजा, जहा असंखेजा एवं अणंतावि 41 / जत्थ णं भंते ! एगे श्रद्धासमए योगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकायप्पएसा श्रोगाढा ?, एको, केवतिया अहम्मत्थिकायप्पएसा योगाढा ?, एको, केवतिया अागासत्थिकायप्पएसा योगाढा ?, एको, केवतिया जीवत्थिकायप्पएसा योगाढा ?, अणंता, एवं जाव श्रद्धासमया 42 / जत्थ णं भंते ! धम्मस्थिकाए योगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकायप्पएसा योगाढा ?, नत्थि एकोवि, केवतिया अहम्मथिकायप्पएसा योगाढा ?, असंखेजा, केवतिया भागासस्थिकायप्पएसा ोगाढा ?, असंखेजा, केवतिया जीवस्थिकायप्पएसा ?, अणंता, एवं जाव श्रद्धासमया 43 / जत्थ णं. भंते ! अहम्मत्थिकाए योगाढे तत्थ केवतिया धम्मस्थिकायप्पएसा योगाढा ?, असंखेजा, केवतिया ग्रहम्मस्थिकायप्पएसा योगाढा ?, नत्थि एकोवि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स, एवं सव्वे, सट्टाणे नत्थि एकोवि भाणियव्वं, परट्ठाणे श्रादिलगा तिन्नि असंखेजा भाणियबा, पच्छिल्लगा तिन्नि अणंता भाणियव्या जाव अद्भासमयोत्ति जाव केवतिया श्रद्धासमया श्रोगाढा नत्थि एकोवि 44 // सूत्रं 483 // जत्थ णं भंते ! एगे पुढविकाइए योगाढे तत्थ णं केवतिया पुढविकाइया योगाढा ?, असंखेजा 1 / केवतिया अाउकाइया योगाढा ?, असंखेजा 2 / केवइया तेउकाइया योगाढा ?, असंखेजा 3 / केवइया वाउकाइया योगाढा ?, असंखेजा 4 / केवतिया वणस्सइकाइया योगाढा ?, अणंता 5 / जत्थ णं भंते ! एगे थाउकाइए योगाढे तत्थ णं केवतिया पुढविकाइया योगाढा असंखेजा 6 / केवतिया अाउकाइया श्रोगाढा असंखेजा 7 / एवं जहेव पुढविकाइयाणं वत्तव्वता तहेव सव्वेसिं निरवसेसं भाणियव्वं जाव वणस्सइकाइयाणं जाव केवतिया वणस्सइकाइया योगाढा ?, अणंता