________________ 458 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः। तृतीयो विभागः पुन्ने कोडिसहस्सपि माएजा // 1 // अवगाहणा-लक्खणे णं अागासस्थिकाए 4 / जीवत्थिकारणं भंते ! जीवाणं किं पवनति ?, गोचमा ! जीवस्थिकाएणं जीवे अणंताणं श्राभिणिबोहिय-नाणपजवाणं श्रणंताणं सुयनाण-पजवाणं एवं जहा बितियसए अस्थिकाय-उद्देसए जाव उपयोगं गच्छति, उवयोगलक्खणे णं जीवे 5 / पोग्गलस्थिकाए णं पुच्छा, गोयमा ! पोग्गलत्थिकारणं जीवाणं बोरालिय-वेउव्विय-याहारए तेयाकम्मए सोइंदिय-चक्खिदिय-घाणिदिय-जिभिदिय-फासिंदिय--मणजोग-वयजोग-कायजोग-प्राणापाणूणं च गहणं पवत्तति, गहणलवखणे णं पोग्गलत्थिकाए 6 / // सूत्र 481 // एगे भंते ! धम्मस्थिकाय-पदेसे केवतिएहिं धम्मस्थिकायपएसेहिं पुढे ?, गोयमा ! जहन्नपदे तिहिं उक्कोसपदे छहिं 1 / केवतिएहिं अहम्मत्थिकायपएसेहिं पुढे ?, गोयमा ! जहन्नपए चरहिं उक्कोसपए सत्तहिं 2 / केवतिएहिं अागासत्थिकाय-पएसेहिं पुढे ?, गोयमा ! सत्तहिं केवतिएहिं जीवत्थिकाय-पएसेहिं पुढे ?, गोयमा ! अणंतेहिं 3 / केवतिएहिं पोग्गलत्थिकाय-पएसेहिं पुढे ?, गोयमा ! अणंतेहिं 4 / केवतिएहिं श्रद्धासमएहिं पु? ?, सिय पुढे सिय नो पुढे जइ पुढे नियम अणंतेहिं 5 / एगे भंते ! अहम्मत्थिकाय-पएसे केवतिएहि धम्मस्थिकाय-पएसेहिं पुढे ?, गोयमा ! जहन्नपए चरहिं उक्कोसपए सत्तहिं 6 / केवतिहिं अहम्मत्थिकायपएसेहिं पुढे ? जहन्नपए तिहिं उकोसपए छहि सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स 7 / एगे भंते ! भागासत्थिकाय-पएसे केवतिएहिं धम्मत्थिकाय-पएसेहिं पुढे?, गोयमा ! सिय पुढे सिय नो पुढे, जइ पुढे जहन्नपदे एक्केण वा दोहि वा तीहिं वा चउहिं वा उक्कोसपए सत्तहिं, एवं ग्रहम्मत्थिकायप्पएसेहिवि 8 / केवतिएहिं अागासस्थिकाय-पएसेहिं पुढे ? छहिं, केवतिएहिं जीवत्थिकाय-पएसेहिं पुढे ?, सिय पुढे सिय नो पुढे, जइ पुढे नियमं . अणंतेहिं 1 / एवं पोग्गलस्थिकाय-पएसेहिवि श्रद्धासमएहिवि 10 // सूत्रं 482 //