________________ 716 ) / श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: तृतीयो विभागः पएसट्टयाए सम्वत्थोवा परिमंडला संठाणा पएसट्टयाए वट्टा संगणा संखेजगुणा जहा दवट्ठयाए तहा पएसट्ठयाएवि जाव अणिथंथा संठाणा पएसट्ठयाए असंखेजगुणा, दबट्टपएसट्टयाए सव्वत्थोवा परिमंडला संठाणा दबट्टयाए सो चेव गमश्रो भाणियव्वो जाव अणित्थंथा संठाणा दबट्टयाए असंखेजगुणा अणित्थंथेहितो संठाणेहितो दबट्टयाए परिमंडला संठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा वट्टा संटाणा पएसट्टयाए संखेजगुणा सो चेव पएसट्ठयाए गमयो भाणियव्यो जाव अणित्थंथा संठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा 2 / / सूत्रं 724 // कति णं भंते ! संठाणा पन्नत्ता ?, गोयमा ! पंच संठाणा पराणत्ता, तंजहा-परिमंडले जाव यायते 1 / परिमंडला णं भंते ! संगणा कि संखेजा असंखेजा अणंता ?, गोयमा ! नो संखेजा नो असंखेजा अणंता 2 / वट्टा णं भंते ! संगणा कि संखेजा असंखेजा श्रणंता ?, एवं चेव एवं जाव आयता 3 / इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए परिमंडला संगणा कि संखेजा असंखेजा अणंता ?, गोयमा ! नो संखेजा नो असंखेजा अणंता 4 / वट्टा णं भंते ! संठाणा किं संखेजा असंखेजा एवं चेव, एवं जाव आयया 5 / सकरप्पभाए णं भंते ! पुढवीए परिमंडला संठाणा एवं चेव एवं जाव श्रायया एवं जाव अहेसत्तमाए 6 / सोहम्मे णं भंते ! कप्पे परिमंडला संगणा एवं चेव एवं जाव 'अच्चुए 7 / गेविजविमाणा णं भंते ! परिमंडलसंगणा एवं चेव, एवं अणुत्तरविमाणेसुवि, एवं ईसिपभाराएवि 8 / जत्थ णं भंते ! एगे परिमंडले संठाणे जवमज्झे तत्थ परिमंडला संठाणा किं संखेजा असंखेजा अणंता ?, गोयमा ! नो संखेजा नो असंखेजा - अणंता 1 / वट्टा णं भंते ! संठाणा किं संखेजा असंखेजा चेव एवं जाव अायता 10 / जत्थ णं भंते ! एगे वट्टे संठाणे जवमज्झे तत्थ परिमंडला संगणा एवं चेव वट्टा संगणा एवं चेव एवं जाव आयता, एवं एक्केकेणं संगणेणं पंचवि चारेयव्वा 11 / जत्थ णं