________________ 634 ] . [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: तृतीयो विभागः पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं लंतगस्त महासुक्कस्स कप्पस्स य अंतरा समोहए पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं महासुक्कसहस्सारस्स य कप्पस्स अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं सहस्सारस्स ग्राणयपाणयकप्पाण अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं प्राणयपाणयाणं धारणअच्चुयाण य कप्पाणं अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं पारणच्चुयाणं गेवेजविमाणाण य अंतरा जाव अहेसत्तमाए, एवं गेवेजविमाणाणं अणुत्तरविमाणाण य अंतरा. पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं अणुत्तरविमाणणं ईसीपब्भाराए य पुणरवि जाव अहेसत्तमाए उववाएयब्वो 1, 6 .. // सू० 671 // पाउकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए सकरप्पभाए पुढवीए अंतरा समोहए 2 जे भविए सोहम्मे कप्पे पाउकाइयत्ताए उववजित्तए सेसं जहा पुढविकाइयस्स जाव से तेण?णं एवं पढमदोच्चाणं अंतरा समोहए जाव ईसीपब्भाराए उववाएयत्वो 1 / एवं एएणं कमेणं जाव तमाए अहेसत्तमाए य पुढवीए अंतरा समोहए 2 जाव ईसीपभाराए उववाएयवो पाउकाइयत्ताए 2 / पाउयाए णं भंते / सोहम्मीसाणाणं सणंकुमारमाहिंदाण य कप्पाणं यंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणोदधिवलएसु श्राउकाइयत्ताए उववजित्तए सेसं तं चेव एवं एएहि चेव अंतरा समोहयो जाव अहेसत्तमाए पुढवीए घणोदधिवलएसु अाउकाइयत्ताए उववाएयव्यो, एवं जाव अणुत्तरविमाणाणं ईसिपभाराए पुढबीए अंतरा समोहए जाव अहे सत्तमाए घणोदधिवलएसु उववाएयवो 3 // सू० 672 // वाउकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए सकरप्पभाए पुढवीए अंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे वाउकाइयत्ताए उववजित्तए 1 / एवं जहा सत्तरसमसए वाउक्काइयउद्देसए तहा इहवि नवरं अंतरेसु समोहणा नेयव्वा सेसं तं चेव जाव अणुत्तरविमाणाणं ईसीपब्भासए य पुढवीए अंतरा समोहए समोहणित्ता 2