________________ 612 ] - [ श्रीमदागमसुधासिन्धु :: तृतीयो विभागः // अथ एकोनविंशतितमशतके निवृत्तिनामकोऽष्टमोद्देशकः। कतिविहा णं भंते ! जीवनिव्वत्ती पन्नत्ता ?, गोयमा ! पंचविहा जीवनिव्वत्ती पन्नत्ता, तंजहा-एगिदियजीवनिव्वत्तिए जाव पंचिंदियजीवनिव्वत्तिए 1 / एगिदियजीवनिव्वत्तिए णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता-?, गोयमा ! पंचविहा पन्नत्ता, तंजहा-पुढविकाइय-एगिदियजीवनिव्वत्ती जाव वणस्सइकाइय-एगिदियजीवनिव्वत्ती 2 / पुढविकाइप-एगिदियजीवनिव्वत्ती णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सुहुमपुढविकाइय-एगिदियजीवनिव्वत्ती य बादरपुढविकाइय-एगिदियजीवनिव्वत्ती य, 3 / एवं चेव एएणं अभिलावेणं भेदो जहा बड्डगबंधो तेयगसरीरस्स जाव सव्वट्ठसिद्ध-अणुत्तरोववातिय-कप्पातीत-वेमाणिय-देव-पंचिंदियजीवनिव्वत्ती णं भंते ! कतिविहा पन्नत्ता ?, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पजत्तगसव्वट्ठसिद्ध-अणुत्तरोववातिय जाव देवपंचिंदियजीवनिव्वत्ती य अपजत्तसव्वट्ठसिद्धाणुत्तरोववाइय जाव देवपंचिंदियजीवनिव्वत्ती य 4 / कतिविहा रणं भंते ! कम्मनिव्वत्ती पन्नत्ता ?, गोयमा ! अट्टविहा कम्मनिव्वत्ती पन्नत्ता, तंजहा-नाणावरणिज-कम्मनिबत्ती जाव अंतराइय-कम्मनिव्वत्ती 5 / नेरइयाणं भंते ! कतिविहा कम्मनिव्वत्ती पन्नत्ता ?, गोयमा ! अट्ठविहा कम्मनिव्वत्ती पन्नत्ता, तंजहा-नाणावरणिज-कम्मनिव्वत्ती जाव यंतराइयकम्मनिवत्ती, एवं जाव वेमाणियाणं 6 / कतिविहा णं भंते ! सरीरनिव्वत्ती पन्नत्ता ?, गोयमा ! पंचविहा सरीरनिव्वत्ती पन्नत्ता, तंजहा-थोरालियसरीर. निव्वत्ती जाव कम्मगसरीरनिव्वत्ती 7 / नेरइयाणं भंते ! एवं चेव एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं नायव्वं जस्स जइ. सरीराणि 8 / कइविहा णं भंते ! सबिदियनिव्वत्ती पन्नत्ता ?, गोंयमा! पंचविहा सव्विदियनिव्वती पन्नत्ता, तंजहा-सोइंदियनिव्वत्ती जाव फासिदियनिव्वत्ती, एवं जाव नेरइया जाव थणियकुमाराणं 1 / पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा! एगा फासिदियनिव्वत्ती