________________ 586 ] / श्रीमदागमसुधासिन्धुः / तृतीयो विभागः // अथ अष्टादशमशतके असुराख्य-पञ्चमोद्देशकः // दो भंते ! असुरकुमारा एगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववन्ना तत्थ णं एगे असुरकुमारे देवे पासादीए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडि. रूवे एगे असुरकुमारे देवे से णं नो पासादीए नो दरिसणिज्जे नो अभिरुवे नो पडिरूवे से कहमेयं भंते! एवं ?, गोयमा ! असुरकुमारा देवा दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-वेउब्बियसरीरा य अवेउब्वियसरीरा य, तत्थ णं जे से वेरब्वियसरीरे असुरकुमारे देवे से ण पासादीए जाव पडिरूवे, तत्थ णं जे से अवेउब्वियसरीरे असुरकुमारे देवे से णं नो पासादीए जाव नो पडिरूवे 1 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ तत्थ णं जे से वेउब्वियसरीरे तं चेव जाव पडिरूवे ?, गोयमा ! से जहानामए-इहं मणुयलोगंसि दुवे पुरिसा भवंतिएगे पुरिसे अलंकियविभूसिए एगे पुरिसे अणलंकियविभूसिए, एएसि णं गोयमा ! दोरहं पुरिसाणं कयरे पुरिसे पासादीए जाव पडिरूवे कयरे पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरूवे, जे वा से पुरिसे अलंकियविभूसिए जे वा से पुरिसे अणलंकियविभूसिए ?, भगवं ! तत्थ जे से पुरिसे अलंकियविभूसिए से णं पुरिसे पासादीए जाव पडिरूवे, तत्थ णं जे से पुरिसे श्रणलंकियविभूसिए से णं पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरूवे से तेणटेणं जाव नो पडिरूवे 2 / दो भंते ! नागकुमारा देवा एगंसि नागकुमारावासंसि एवं चेव एवं जाव थणियकुमारा वाणमंतरजोतिसिया वेमाणिया एवं चेव 3 // सूत्र 626 // दो भंते! नेरतिया एगंसि नेरतियावासंसि नेरतियत्ताए उववन्ना, तत्थ णं एगे नेरइए महाकम्मतराए चेव जाव महावेयणतराए चेव एगे नेरइए अप्पकम्मतराए चेव जाव अप्पवेयणतराए चेव से कहमेयं भंते ! एवं ?, गोयमा ! नेरइया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-मायिमिच्छादिट्ठि-उववन्नगा य श्रमायिसम्मदिट्ठि-उववनगा य, तत्थ णं जे से मायिमिच्छादिट्ठिउववन्नए नेरइए से णं महाकम्मतराए चेव जाव महावेयणतराए चेव, तत्थ णं जे से