________________ 562 / [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / तृतीयो विभागः जाव चउहिं किरियाहिं पुटा, जेसिपि णं जीवाणं सरीरेहितो तालप्फले निबत्तिए तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुटा, जेविय से जीवा अहे वीससाए पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे वट्टांति तेऽविय णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुट्ठा 2 / पुरिसे णं भंते ! रुक्खस्स मूलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कतिकिरिए ?, गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे रुक्खस्स मूलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुढे, जेसिपि य णं जीवाणं सरीरेहितो मूले(कंदे) निव्वत्तिए जाव बीए निव्वत्तिए तेवि य णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्टा 3 / अहे णं भंते ! से मूले अप्पणो गरुयत्ताए जाव जीवियायो ववरोवेइ तयो णं भंते ! से पुरिसे कतिकिरिए ?, गोयमा ! जावं च णं से मूले अप्पणो जाव ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चउहि किरियाहिं पुढे, जेसिपि य गणं जीवाणं सरीरेहितो कंदे निव्वत्तिए जाव बीए निव्वत्तिए तेवि णं जीवा काइयाए जाव बउहिं पुट्टा, जेसिपि य णं जीवाणं सरीरेहितो मूले निव्वत्तिए तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहिं किरियाहिं पुठ्ठा, जेवि य णं से जीवा हे वीससाए पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे वटंति तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा 4 / पुरिसे णं भंते ! रुक्खस्स कंदं पचालेइ तयो णं भंते ! से पुरिसे कतिकिरिए ? गोयमा ! तावं च णं से पुरिसे जाव पंचहिं किरियाहिं पुढे, जेसिपि णं जीवाणं सरीरेहितो मूले निव्वत्तिए जाव बीए निवत्तिए तेवि णं जीवा जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा 5 / अहे णं भंते ! से कंदे अप्पणो जाव चउहि पुढे, जेसिपि णं जीवाणं सरीरेहितो मूले निव्वत्तिए खंधे निव्वत्तिए जाव चउहिं पुट्ठा, जेसिपि णं जीवाणं सरीरेहितो कंदे निव्वत्तिए तेवि य णं जीवा जाव पंचहिं पुट्ठा, जेवि य से जीवा अहे वीससाए पच्चोवयमाणस्स जाव पंचहिं पुट्ठा जहा खंधो एवं जाव बीयं