________________ [ श्रीमदागमसुवासिन्धुः। द्वितीयो विभागः पलोदृति श्रथिरे भजइ नो थिरे भजइ सासए बालए बालियसं असासयं सासए पंडिए पंडियत्तं असासयं ?, हंता गोयमा ! अथिरे पलोट्टइ जाव पंडियतं असासयं सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति जाव विहरति // सू० 71 // नवमो उद्देसो समत्तो॥ // इति प्रथमशतके नवम उद्देशकः // 1-9 // // अथ प्रथमशतके चलनादिनामक-दशमोद्देशकः // __ अन्नउत्थिया णं भंते ! एवमाइवखंति जाव एवं पति -एवं खलु चलमाणे अचलिए जाव निजरिजमाणे अणिजिगणे, दो परमाणुपोग्गला एगयो न साहणंति, कम्हा दो परमाणुपोग्गला एगततो न साहणंति ?, दोराहं परमाणुपोग्गलाणं नत्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयो न साहणंति, तिनि परमाणुपोग्गला एगययो साहणंति, कम्हा ? तिनि परमाणुपोग्गला एगयो साहणंति, तिराहं परमाणुपोग्गलाणं अस्थि सिणेहकाए, तम्हा तिगिण परमाणुपोग्गला एगयत्रो साहणंति ते भिजमाणा दुहावि तिहावि कन्जंति, दुहाकजमाणा एगयो दिवड्डे परमाणुपोग्गले भवति एगयथोवि दिवड्डे परमाणुपोग्गले भवति, तिहा कजमाणा तिगिण परमाणुपोग्गला भवंति, एवं जाव चत्तारि पंचपरमाणुपोग्गला एगयो साहणंति, एगयो साहणित्ता दुवखताए कज्जति 1 / दुक्खेवि य णं से सासए सया समियं उवचिजइ य अवचिजइ य पुब्बिं भामा भामा भासिजमाणी भासा अभासा, भासासमयवीतिक्कंतं च णं भासिया भासा, जा सा पुब् िभासा भासा, भासिजमाणी भासा अभासा, भासासमयवीतिक्कंतं च णं भासिया भासा, सा किं भासाम्रो भासा ? अभासश्रो भासा ?, अभासश्रो णं सा भासा, नो खलु सा भामयो भासा 2 / पुदि किरिया दुक्खा कजमाणी किरिया