________________ गभगए बाहिमिंज-केसमंसुरोपाइ त सोइंदियत्ताणं 34 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः द्वितीयो विभागः जीवे णं भंते ! गम्भं वकममाणे तप्पढमयाए किमाहारमाहारेइ ?, गोयमा ! माउगोयं पिउसुक्कं तं तदुभयसंसिर्ल्ड कलुसं किविसं तप्पढमयाए थाहारमाहारेइ 3 / जीवे णं भंते ! गब्भगए समाणे किमाहारमाहारेइ ?, गोयमा ! जं से माया नाणाविहायो रसविगईयो थाहारमाहारेइ तदेकदेसेणं योयमाहारेइ 4 / जीवस्स णं भंते ! गभगयस्स समागास्स अस्थि उच्चारेइ वा पासवणेइ वा खेलेइ वा सिंघाणेइ वा वंतेइ वा पित्तेइ वा ?, णो इण? सम?, से केण?णं ?, गोयमा ! जीवे णं गभगए समाणे जमाहारेइ तं विणाइ तं सोइंदियत्ताए जाव फासिंदियत्ताए अट्ठि-अट्टिमिंज-केसमंसु-रोमनहत्ताए, से तेण?णं 0 5 / जीवे णं भंते ! गभगए समाणे पभू मुहेणं कावलियं श्राहारं पाहारित्तए ?, गोयमा ! णो इण? सम8, से केण?णं ?, गोयमा ! जीवे णं गभगए समाणे सव्वो थाहारेइ सव्वश्रो परिणामेइ सव्वयो उस्ससइ सव्वश्रो निस्तसइ अभिक्खणं थाहारेइ अभिक्खणं परिणामेइ अभिक्खणं ऊस्ससइ अभिक्खणं निस्ससइ अाहच्च श्राहारेइ थाहच्च परिणामेइ ग्राहच उस्ससइ थाहच्च नीससइ 6 / माउजीवरसहरणी पुत्तजीवरसहरणी माउजीवपडिबद्धा पुत्तजीवं फुडा तम्हा आहारेइ तम्हा परिणामेइ, अवरावि य णं पुत्तजीवपडिबद्धा माउजीवफुडा तम्हा चिणाइ तम्हा उवचिणाइ से तेण?णं. जाव नो पभू मुहेणं कावलियं याहारं पाहारित्तए 7 / कइ णं भंते ! माइग्रंगा पराणत्ता ?, गोयमा! तयो माइयंगा पराणत्ता, तंजहा-मंसे सोणिए मत्थुलुंगे 8 / कइ णं भंते ! पिइयंगा पराणत्ता ?, गोयमा ! तयो पिइयंगा पण्णत्ता, तंजहा-अट्ठि अट्ठिमिंजा केसमंसुरोमनहे 1 / अम्मापिइए णं भंते ! सरीरए केवइयं कालं संचिट्ठइ ?, गोरमा ! जावइयं से कालं भवधारणिज्जे सरीरए अव्वावन्ने भवइ एवतियं कालं संचिट्टइ, अहे णं समए समए वोकसिन्जमाणे 2 चरमकालसमयंसि