________________ 3.] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः द्वितीयो विभागः पुब्धि भंते ! अंडए पच्छा कुक्कुडी पुब्बि कुक्कुडी पच्छा अंडए ?, रोहा ! से णं अंडए को ?, भयवं ! कुक्कुडीयो, सा णं कुनकुडी कयो ?, भंते ! अंडयायो, एषामेव रोहा ! से य अंडए मा य कुक्कुडी, पुदिपेते पच्छापेते दुवेते सासया भावा, अणाणुपुब्बी एसा रोहा ! 2 / पुब्बि भंते ! लोयंते पच्छा अलोयंते पुव्वं अलोयंते पच्छा लोयंते, रोहा ! लोयते य अलोयंते य जाव अणाणुपुब्वी एसा रोहा ! 3 / पुब्बि भंते ! लोयंते पच्छा सत्तमे उवासंतारे पुच्छा, रोहा ! लोयंते य सत्तमे उवासंतरे पुविपि दोवि एते जाव अणाणुपुब्बी एसा रोहा ! 4 / एवं लोयंते य सत्तमे य तणुवाए, एवं घणवाए घणोदहि सत्तमा पुढवी, एवं लोयंते एक्केकेणं संजोएयव्वे इमेहिं ठाणेहि-तंजहा-बोगसवाय-घणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा / नेरइयाई अस्थिय समया कम्माइं लेस्सायो // 1 // दिट्ठी दंसण णाणा सन्न सरीरा य जोग उवयोगे। दवपएसा पजव श्रद्धा कि पुब्बि लोयंते ? // 2 // पुबि भंते / लोयंते. पच्छा सब्बद्धा ? 5 / जहा लोयंतेणं संजोइया सव्वे ठाणा एते एवं अलोयंतेणवि संजोएयव्वा सव्वे 6 / पुनि भंते ! सत्तमे उवासंतरे पच्छा सत्तमे तणुवाए ?, एवं सत्तमं उवासंतरं सव्वेहिं समं संजोएयव्वं जाव सव्वद्धाए 7 / पुब्बिं भंते : सत्तमे तणुवाए पच्छा सत्तमे घणवाए, ऐयंपि तहेव नेयध्वं जाव सव्वद्धा, एवं उवरिल्लं एक्केक्कं संजोयंतेणं जो जो हिट्ठिलो तं तं छड्डतेणं नेयव्वं जाव अतीयश्रणागयद्धा पच्छा सव्वद्धा जाव अणाणुपुब्बी एमा रोहा ! सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति ! जाव विहरइ 8 // सू० 53 // भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं जाव एवं वयासी-कतिविहा णं भंते ! लोयट्टिती पराणत्ता ?, गोयमा ! अट्ठविहा लोट्टिती पराणत्ता, तंजहा-अागासपइट्ठिए वाए 1 वायपइट्ठिए उदही 2 उदहीपइट्ठिया पुढवी 3 पुढविपइट्ठिया तसा थावरा पाणा 4 अजीवा जीवपइट्ठिया 5 जीवा