________________ श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवति) सूत्र :: शतकं ? :: उ० 6 ] [ 26 कजइ 3 / सा भंते ! किं अत्तकडा कजइ परकडा कजइ तदुभयकडा कजइ ?, गोयमा ! अत्तकडा कज्जइ यो परकडा कज्जइ णो तदुभयकडा कज्जइ 4 / सा भंते ! किं आणुपुब्बिं कडा कजइ अणाणुपुब्धि कडा कज्जइ ?, गोयमा ! आणुपुचि कडा कज्जइ नो अणाणुपुब्धि कडा कजइ, जा य कडा जा य कन्जइ जा य कजिस्सइ सव्वा सा थाणुपुब्धि कडा नो श्रणाणुपुब्धि कडत्ति वत्तव्वं सिया 5 / अस्थि णं भंते ! नेरइयाणं पाणाइवायकिरिया कजइ ?, हंता अस्थि 6 / सा भंते ! किं पुट्ठा कजइ अपुट्ठा कन्जइ ? जाव नियमा छदिसि कज्जइ, सा भंते ! किं कडा कजइ अकडा कन्जइ ?, तं चेव जाव नो अणाणुपुब् िकत्ति वत्तव्वं सिया, जहा नेरइया तहा एगिदियवजा भाणियव्वा, जाव वेमाणिया, एगिदिया जहा जीवा तहा भाणियब्वा, जहा पाणाइवाए तहा मुसावाए तहा श्रदिन्नादाणे मेहुणे परिग्गहे कोहे जाव मिच्छादंसणसल्ले, एवं एए अट्ठारस, चउवीसं दंडगा भाणियव्वा 7 / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति भगवं गोयमे समणं भगवं जाव विहरति 8 // सू० 52 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवत्रो महावीरस्स अंतेवासी रोहे नामं अणगारे पगइभद्दए पगइमउए पगइविणीए पगइउवसंते पगइपयणुकोहमाणमायालोमे मिउमद्दवसंपन्ने अल्लीणे भद्दए विणीए समणस्स भगवश्रो महावीरस्स अदूरसामंते उडजाणू अहोसिरे झाणकोट्ठोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ, तए णं से रोहे नामं अणगारे जायसड्ढे जाव पज्जुवासमाणे एवं वदासी-पुयि भंते ! लोए पच्छा अलोए पुवि अलोए पच्छा लोए ?, रोहा ! लोए य अलोए य पुविपेते पच्छापेते दोवि एए सासया भावा, अणाणुपुब्बी एसा रोहा ! 1 / पुब्बिं भंते ! जीवा पच्छा अजीवा पुचि अजीवा पच्छा जीवा ?, जहेव लोए य अलोए य तहेव जीवा य अजीवा य, एवं भवसिद्धीया य अभवसिद्धीया य सिद्धी प्रसिद्धी सिद्धा असिद्धा,