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________________ श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवति) सूत्र : शतकं ? :: उ०६] [31 कम्मपइट्ठिया 6 अजीवा जीवसंगहिया 7 जीवा कम्मसंगहिया 8, 1 / से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ ?-अट्टविहा जाव जीवा कम्मसंगहिया ?, गोयमा ! से जहानामए-केइ पुरिसे वत्थिमाडोवेइ वत्थिमाडोवित्ता उप्पि सितं बंधइ 2 मज्झेणं गंठिं बंधइ 2 उवरिल्लं गंठिं मुयइ 2 उवरिल्लं देसं वामेइ 2 उवरिल्लं देसं वामेना उवरिल्लं देसं पाउयायस्स पूरेइ 2 उप्पिसि तं. बंधइ 2 मझिल्लं गंठि मुयइ 2 / से नूणं गोयमा ! से श्राउयाए तस्स वाउयायस्स उप्पिं उपरितले चिट्ठइ ?, हंता चिट्ठइ, से तेण?णं जाव जीवा कम्मसंगहिया, से जहा वा केइ पुरिसे वत्थिमाडोवेइ 2 कडीए बंधइ 2 अत्थाहमता(पा)रमपोरसियंसि उदगंसि भोगाहेजा, से नूणं गोयमा ! से पुरिसे तस्स पाउयायस्स उवरिमतले चिट्ठइ ?, हंता चिटइ, एवं वा अट्टविहा लोयट्टिई पराणत्ता जाव जीवा कम्मसंगहिया 3 // सू० 54 // अस्थि णं भंते ! जीवा य पोग्गला य अन्नमन्न-बद्धा अन्नमन्न-पुटा अन्नमन-मोगाढा अन्नमन्न-सिणेह-पडिबद्धा अन्नमनघडताए चिट्ठति ?, हता! अस्थि 1 / से केण?णं भंते ! जाव चिट्ठांति ?, गोयमा ! से जहानामए-हरदे सिया पुराणे पुराणाप्पमाणे वोलट्टमाणे वोसट्टमाणे समभरघडताए चिट्टइ, अहे णं केइ पुरिसे तंसि हरदंसि एगं महं नावं सयासवं सयछिड्डयोगाहेजा, से नूणं गोयमा ! सा णावा तेहिं पासवदारेहिं यापूरमाणी 2 पुराणा पुराणप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडताए चिट्ठइ ?, हंता चिट्टइ, से तेणढेणं गोयमा ! अस्थि णं जीवा य जाव चिट्ठति 2 // सू० 55 // अस्थि णं भंते ! सया समियं सुहुमे सिणेहकाये पवडइ ! हंता अस्थि / से भंते ! किं उड्डे पवडइ अहे पवडइ तिरिए पवडइ ?, गोयमा ! उड्ढोवि पवडइ अहे पवडइ तिरिएवि पवडइ, जहा से बादरे ग्राउयाए अन्नमन्नसमाउत्ते चिरंपि दीहकालं चिट्ठइ तहा णं सेवि !, नो इण? सम?, से णं खिप्पामेव
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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