________________ 354 / [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः द्वितीयो विभागः / एवंमहडिए जाव महासोक्खे सक्के देविंदे देवराया 2 / सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति जाव विहरति 3 // सूत्रं 407 // // इति दशमशतके षष्ठ उद्देशकः // 10-6 // // अथ दशमशतके उत्तरान्तद्वीपाख्य - सप्तमतश्चतुस्विंशतमोद्दशकाः // कहिन्न भंते ! उत्तरिल्लाणं एगोरुयमणुस्साणं एगोरुयदीवे नामं दीवे पन्नत्ते ?, एवं जहा जीवाभिगमे तहेव निरवसेसं जाव सुद्धदंतदीवोत्ति, एए अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियव्वा / सेवं भंते ! सेवं भंतेचि जाव विहरति // सूत्रं 408 // दसमं सयं समत्तं // // इति दशमशतके सप्तमतश्चतुस्त्रिंशत्तमा उद्देशकाः // 10-7 / 34 // // इति दशमं शतकम् // 10 // // अथ एकादशमशतके उत्पलाख्य-प्रथमोद्देशकः // उप्पल 1 सालु 2 पलासे 3 कुंभी 4 नाली य 5 पउम 6 कन्नी 7 य / नलिण 8 सिव 1 लोग 10 काला 11 लंभिय 12 दस दो य एक्कारे // 1 // उववाश्रो 1 परिमाणं 2 अवहारु 3 चत्त 4 बंध 5 वेदे 6 य / उदए 7 उदीरणाए 8 लेसा 1 दिट्ठी 10 य नाणे 11 य // 1 // जोगु 12 वयोगे 13 वन्न 14 रसमाई 15 ऊसासगे 16 य ाहारे 17 / विरई 18 किरिया 11 बंधे 20 सन्न 21 कसायि 22 त्थि 23 बंधे 24 य॥ 2 // सन्निं २५.दिय 26 अणुबंधे 27 संवेहा 28 हार 21 दिइ 30 समुग्घाए 31 / त्रयणं 32 मूलादीसु य उबवायो 33 सव्वजीवाणं // 3 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे