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________________ 362] - [ श्रीमदागमसुधासिन्धु द्वितीयो विभागः पन्नत्ता, तंजहा-भुयंगा भुयंगवती महाकच्छा फुडा, तत्थ णं एगमेगाए, सेसं तं चेव, एवं महाकायस्सवि 18 / गीयरइस्स णं भंते ! पुच्छा, अजो! चत्तारि अग्गमहिसी पन्नत्ता, तंजहा-सुघोसा विमला सुस्सरा सरस्सई, तत्थ णं एगमेगाए, सेसं तं चेव, एवं गीयजसस्सवि, सव्वेसि एएसिं जहा कालस्स, नवरं सरिसनामियाश्रो रायहाणीयो सीहासणाणि य, सेसं तं चेव 11 / चंदस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरनो पुच्छा, अजो चत्तारि अग्गमहिसी पन्नत्ता, तंजहा-चंदप्पभा दोसिणाभा अचिमाली पमंकरा, एवं जहा जीवाभिगमे जोइसिय उद्देसए तहेव, सूरस्सवि सूरपामा श्रायवाभा अचिमालीपभंकरा, सेसंत चेव,जाव नो चेव णं मेहुणवत्तियं 20 / इंगालस्स णं भंते ! महग्गहस्स कति अग्गमहिसी ? पुच्छा, अजो ! चत्तारि अग्गमहिसी पन्नत्ता, तंजहा-विजया वेजयंती जयंती अपराजिया, तत्थ णं एगमेगाए देवीए सेसं तं चेव जहा चंदस्स, नवरं इंगालवडेंसए विमाणे इंगालगंसि सीहासणंसि सेतं तं चेव, एवं जाव वियालगस्सवि, एवं अट्टासीतोएवि महागहाणं भाणियव्वं जाव भावकेउस्स, नवरं वडेंसगा सीहासणांणि य सरिसनामगाणि, सेसं तं चेव 21 / सकस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरन्नो पुच्छा, अजो ! श्रट्ठ अग्गमहिसी पन्नत्ता, तंजहा-पउमा सिवा सेया अंजू अमला अच्छरा नवमिया रोहिणी, तत्थ णं एगमेगाए देवीए सोलस सोलस देविसहस्सा परिवारो पन्नत्तो, पभू णं ताश्रो एगमेगा देवी अन्नाई सोलस देविसहस्सपरियारं विउवित्तए, एवामेव सपुवावरेणं अट्ठावीसुत्तरं देविसयसहस्सं परियारं विउवित्तए, सेत्तं तुडिए 22 / पभू ण भंते ! सक्के देविंद देवराया सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडेंसए विमाणे सभाए सुहम्माए सक्कंसि सीहासणंसि तुडिएणं सद्धिं सेसं जहा चमरस्स, नवरं परियारो जहा मोउद्देसए 23 / सकस्स णं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारत्नो कति अग्गमहिसीनो ?, पुच्छा, अजो ! चत्तारि अग्गहिसी पन्नत्ता, तंजहा
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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