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________________ श्रीमदव्याख्याप्रज्ञप्ति (भीमद्भगवती) / शतर्क उ. 33] / 343 .. अभिभुए समाणे दोच्चपि समणे निग्गंथे सदावेइ 2 ता दोच्चपि एवं वयासी-ममन्नं देवाणुप्पिया ! सेजासंथारए किं कडे ? कजइ ?, (एवं वुत्ते समाणे समणा निग्गंथा विति-भो सामी ! कीरड), तए णं ते समणा निग्गंथा जमालि श्रणगारं एवं वयासी-णो खलु देवाणुप्पियाणं सेनासंथारए कडे कजति 11 / तए णं तस्स जमालिस्स अणगारस्स श्रयमेयाख्वे अज्झथिए जाव समुप्पजित्था-जन्न समणे भगवं महावीरे एवं बाइक्खइ एवं परुवेइ-एवं खलु चलमाणे चलिए उदीरिजमाणे उदीरिए जाव निजरिजमाणे णिजिन्ने, तं णं मिच्छा इमं च णं पञ्चक्खमेव दीसइ सेन्जासंथारए कन्जमाणे अकडे संथरिजमाणे असंथरिए जम्हा णं सेजासंथाए कजमाणे अकडे संथरिजमाणे असंथरिए तम्हा चलमाणेवि अचलिए जाव निजरिजमाणेवि अणिजिन्ने, एवं संपेहेइ एवं संपेहेत्ता समणे निग्गंथे सदावेइ समणे निग्गंथे सहावेत्ता एवं वयासी-जन्नं देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे एवं बाइक्खइ जाव पख्वेइ-एवं खलु चलमाणे चलिए तं चेव सव्वं जाव णिजरिजमाणे अणिजिन्ने 12 / तए णं तस्स जमालिस्स यणगारस्स एवं बाइक्खमाणस्स जाव परुवेमाणस्स अत्थेगइया समणा निग्गंथा एयमटुं सदहति पत्तियंति रोयंति अत्थेगइया समणा निग्गंथा एपमट्ठ णो सदहति णो पत्तियति णो रोयंति 13 / तत्थ णं जे ते समणा निग्गंथा जमालिस्म श्रणगारस्स एयमट्ठ सदहति 3 ते णं जमालि चेव अगगारं उपसंपजित्ताणं विहरंति, तत्थ णं जे ते समणा णिग्गंथा जमालिस्स अणगारस्स एयमटुंणो सद्दहति णो पत्तियंति णो रोयंति ते णं जमालिस्स अणगारस्स अंतियायो कोट्ठयारों चेइयात्रो पडिनिक्खमंति 2 पुव्वाणुपुदि चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे जेणेव चंपानयरी जेणेव पुन्नभद्दे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुनो आयाहिणं पयाहिणं
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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