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________________ [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः द्वितीयो विभाग जमाली अणगारे, समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता समणस्स भगवश्रो * महावीरस्स अंतियायो बहुसालाथो चेइयायो पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता पंचहिं श्रणगारसएहिं सद्धिं बहिया जणवयविहारं विहरइ 5 / तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थीनामं णयरी होत्था वनभो, कोट्ठए चेइए वन्नो, जाव वणसंडस्स, तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था वनश्रो पुनभद्दे चेइए वनश्रो, जाव पुढविसिलावट्टयो 6 / तए णं से जमाली अणगारे अन्नया कयाइ पंचहिं श्रणगारसएहिं सद्धिं संपरिबुडे पुव्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव सावत्थी नयरी जेणेव कोट्ठए चेइए तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता ग्रहापडिरूवं उग्गहं उग्गिएहति ग्रहापडिरूवं उग्गहं उग्गिरिहत्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ 7 / तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयावि पुवाणुपुब्बिं चरमाणे जाव सुहं सुहेणं विहरमाणे जेणेव चंपानगरी जेणेव पुन्नभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिाहति 2 संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ 8 / तए णं तस्स जमालिस्स अणगारस्स तेहिं अरसेहि य विरसेहि य अंतेहि य पंतेहि य लूहेहि य तुच्छेहि य कालाइक्कतेहि य पमाणाइक्कतेहि य सीतएहि य पाणभोयणेहिं अन्नया कयावि सरीरगंसि विउले रोगातंके पाउन्भूए उनले विउले पगाढे ककसे कडुए चंडे दुक्खे दुग्गे तिब्वे दुरहियासे पित्तज्जरपरिगतसरीरे दाहवक्कंतिए यावि विहरइ 6 / तए णं से जमाली अणगारे वेयणाए अभिभूए समाणे समणे णिग्गंथे सदावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-तुज्जे णं देवाणुप्पिया ! मम सेनासंथारगं संथरेह, तए णं ते समणा णिग्गंथा जमालिस्स अणगारस्स एयमट्ट विणएणं पडिसुणेति पडिसुणेत्ता जमालिस्स अणगारस्स सेजासंथारगं संथरेति 10 / तए णं से जमाली श्रणगारे बलियतरं वेदणाए .
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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