________________ 112 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः। द्वितीयो विमागे पच्छिमो भंगो ग्रहवा दो वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 105, 11 / ग्रहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए जाव एगे तमाए होजा 1 अहवा एगे रयणप्पभाए जाव एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 2 ग्रहवा एगे रयणप्पभाए जाव एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 3 अहवा एगे रयणप्पभाए जाव एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा 4 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे पंकप्पभाए जाव एगे अहेसतमाए होजा 5 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा 6 अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वासुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा 7, (124) 20 / सत्त भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होजा जाव अहे सत्तमाए वा होज्जा 7, 21 / अहवा एगे रयणप्पभाए छ सकरप्पभाए होजा एवं एएणं कमेणं जहा छराहं दुयासंजोगो तहा सत्तरहंवि भाणियव्वं नवरं एगो अभहियो संचारिज्जइ, सेसं तं चेव 126, 22 / तियासंजोगो 525 चउकसंजोगो 700 पंचसंजोगो 315 छक्कसंजोगो 42 य छराहं जहा तहा सत्तराहवि भाणियव्वं 23 / नवरं एक्केको अब्भहियो संचारेयब्यो जाव छकगसंजोगो अहवा दो सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभार एगे जाव आहेसत्तमाए होजा (1716) 24 / 'अट्ठ भंते ! नेरतिया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होजा जाव अहेसत्तमाए वा हाजा 7, 25 / अहवा एगे रयणप्पभाए सत्त सक्करप्पभाए होजा एवं दुयासंजोगो जाव छक्कसंजोगो य जहा सत्तराहं भणियो तहा अट्टाहवि भाणियव्वो नवरं एक्केको अब्भहियो संचारेयव्यो सेसं तं चेव 147, 26 / जाव छक्कसंजोगस्स अहवा तिन्नि सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए