________________ श्रीमद्व्याल्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्रं : शतकं 9 :: उ० 32] [311 होजा 14 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा 15 अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे तमाए होजा 16 अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 17 अहवा एगे सकरप्पभाए जाव एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 18 अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 11 अहवा एगे सकरप्पभाए एगे पंकप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा 20 अहवा एगे वालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा 21, (462) 14 / छन्भंते ! नेरझ्या नेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा ? पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा 7, 15 / ग्रहवा एगे रयणप्पभाए पंच सकरप्पभाए वा होजा श्रहवा एगे रयणप्पभाए पंच वालुयप्पभाए वा होजा जाव श्रहवा एगे रयणप्पभाए पंच अहेसत्तमाए होजा अहवा दो रयणप्पभाए चत्तारि सक्करप्पभाए होजा जाव ग्रहवा दो स्यणप्पभाए चत्तारि अहेसत्तमाए होजा अहवा तिन्नि रयणप्पभाए तिनि सकरप्पभाए एवं एएणं कमेणं जहा पंचराहं दुयासंजोगो तहा छराहवि भाणियबो नवरं एको अन्भहियो संचारेयव्वो जाव अहवा पंच तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 105, 16 / अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए चत्तारि वालुयप्पभाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए चत्तारि पंकप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए चत्तारि अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए तिन्नि वालुयप्पभाए होजा, एवं एएणं कमेणं जहा पंचराहं तियासंजोगो भणियो तहा छराहवि भाणियब्वो 350, 17 / नवरं एको अहिश्रो उचारेयव्वो सेसं तं चेव 350, 18 / चउकसंजोगोवि तहेव, पंचगसंजोगोवि तहेव, नवरं एको अब्भहिश्रो संचारेयब्वो जाव